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बिहार का रुतबा बढ़ा गए प्रधानमंत्री

बिहार को क्या चाहिए? गांवों में घर-घर तक अनवरत बिजली। अच्छी सड़कें। कोने-कोने तक रेल लाइन। वैज्ञानिक और आय बढ़ाने वाली खेती-बारी। बिहारी मेधा को मांजने वाले उच्च शिक्षण संस्थान। बिहार में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सब मिलेगा।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2015 07:37 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2015 07:46 AM (IST)
बिहार का रुतबा बढ़ा गए प्रधानमंत्री

पटना [विनय मिश्र]। बिहार को क्या चाहिए? गांवों में घर-घर तक अनवरत बिजली। अच्छी सड़कें। कोने-कोने तक रेल लाइन। वैज्ञानिक और आय बढ़ाने वाली खेती-बारी। बिहारी मेधा को मांजने वाले उच्च शिक्षण संस्थान। शानदार सोच को धरातल पर उतारने वाले शोध संस्थान और बेहतरीन नागरिक सुविधाएं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सब मिलेगा। बिहार को जो चाहिए वह सब कुछ देंगे। शनिवार को बहुत कुछ दे भी गए और यह भी कह गए कि समय आने दीजिए, और घोषणाएं होंगी।

प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार बिहार आए नरेंद्र मोदी ने राज्यवासियों के सपनों को पंख लगाए। ऊंचा उडऩे को प्रेरित किया। पांच प्रमुख सौगातें दीं और रुतबा बढ़ा गए।

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बुनते रहे नए बिहार का सपना

लोकसभा चुनाव के दौरान वोट मांगने आए नरेंद्र मोदी ने गांधी मैदान की हुंकार रैली में प्राचीन बिहार के गौरव को याद किया था। प्रधानमंत्री के रूप में वह शनिवार को नए बिहार का सपना बुनते दिखे।

सरस्वती की धरती बिहार के तेजस्वी नौजवानों की मेधा पर भरोसा करते हुए उन्होंने पांच सौ एकड़ में फैले आइआइटी के नए कैंपस में वल्र्ड लेबल फैकल्टी पर बल दिया। आइआइटी कैंपस में शुरू हो रहे इंक्यूवेशन सेंटर की महत्ता बताई। बोले, आइआइटी से भी अधिक महत्व इस सेंटर का होगा। यह सेंटर स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्रांति का 'लेबर रूम' बनेगा। यहां इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल तकनीक से नए व सस्ते मेडिकल उपकरणों का आविष्कार होगा। देश के गरीबों की दुखों को दूर करने का माध्यम बनेगा।

मोदी के भाषणों में बार-बार यह शब्द आया, मैं सपना देखता हूं। मेरे सपने खास तौर पर बिहार से जुड़े हैं। भले ही रेलवे मंत्रालय पर लंबे समय तक बिहार का कब्जा रहा हो, लेकिन जितना चाहिए नहीं मिला। मैं देने को सोचता हूं।

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व्यापक हुई विद्युतीकरण योजना

राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना चल रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का घर-घर तक बिजली पहुंचाने का वादा है। एक कदम आगे बढ़कर प्रधानमंत्री ने पाटलिपुत्र की धरती से पूरे देश के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना शुरू की।

इस योजना का कुल बजट 76 हजार करोड़ रुपये है। 5800 करोड़ से बिहार के गांवों का विद्युतीकरण होगा। राजीव गांधी ग्र्रामीण विद्युतीकरण योजना का दायरा सीमित था। नई योजना व्यापक होगी। खेती और घर के लिए बिजली की अलग व्यवस्था होगी।

प्रधानमंत्री यहीं नहीं थमे। भूटान की बिजली परियोजना का भी जिक्र किया। बोले, सबसे ज्यादा बिजली बिहार को मिलेगी।

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पूसा के बहाने उर्वरता पर भरोसा

प्रधानमंत्री ने बिहार की धरती का भी गुणगान किया और भरोसा जताया कि दूसरी हरित क्रांति की शुरुआत यहीं से होगी। कारण भी गिनाए।

उन्होंने पूछा कि कृषि अनुसंधान संस्थान बिहार की धरती पर क्यों खुला? वह भी 100 साल पहले। यहीं क्यों खुला? एक विदेशी व्यक्ति ने बिहार को ही क्यों चुना? फिर उनका जवाब भी आया, क्योंकि बिहार की धरती ऐसी है। यहां अब विकास की फसल लहलहाएगी।


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