बिहार में नई औद्योगिक इकाइयों के लिए कई तरह के लाइसेंस ऑटो मोड में देने की तैयारी
बिहार में उद्योगों की स्थापना में किस्म-किस्म के लाइसेंस लेने में होने वाली देरी को खत्म करने की पहल की गई है। उद्योग विभाग ने स्टेट इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड में हर महकमे के अधिकारियों की तैनाती कराने का फैसला किया है जिससे एनओसी देने में विलंब ना हो ।
पटना, भुवनेश्वर वात्स्यायन। नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए अनिवार्य कई तरह के लाइसेंस को ऑटो मोड में देने के प्रस्ताव पर इन दिनों उद्योग विभाग काम कर रहा। इस पहल के पीछे यह उद्देश्य है कि नए उद्योगों की स्थापना में लाइसेंस नहीं मिलने की वजह से होने वाली देरी को खत्म किया जाए। नए उद्योगों की स्थापना के लिए कई महकमों के लाइसेंस की जरूरत पड़ती है। इनमें पर्यावरण एवं वन विभाग, खान एवं भूतत्व, नगर निगम, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, श्रम संसाधन व ऊर्जा विभाग आदि शामिल हैं।
लाइसेंस इस तरह खत्म होंगे
नए उद्योगों की स्थापना के लिए अनिवार्य रूप से जिन महकमों का लाइसेंस चाहिए उन विभागों को उद्योग विभाग ने पत्र लिखा है। पत्र में यह कहा गया कि वैसे लाइसेंस जो स्वत: जारी किए जा सकते हैं उन्हें ऑटो मोड में ला दिया जाए। इनमें वैसे महकमों के लाइसेंस हैं जिन्हें आवेदन के साथ ही संबंधित महकमों को हर हाल में जारी करना है। इनमें पानी, बिजली, लैंड यूज आदि जैसी रूटीन अनुमति शामिल हैं। इनके लिए बहुत अधिक प्रक्रिया की जरूरत नहीं है। इसलिए इन्हें ऑटो मोड में लाने की तैयारी है। ऑटो मोड में अनुमति मिलने से समय की बचत होगी।
सभी संबंधित महकमों के अधिकारी की तैनाती रहेगी एसआइपीबी में
वर्तमान में यह व्यवस्था है कि नए उद्योगों की स्थापना के लिए स्टेट इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एसआइपीबी) में आवेदन के बाद संबंधित महकमों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की प्रक्रिया शुरू करायी जाती है। एसआइपीबी के स्तर पर विभिन्न महकमों में जाकर यह काम कराया जाता है। इसमें अच्छा-खासा विलंब हो जाता है। इस विलंब से बचने के लिए उद्योग विभाग ने इस व्यवस्था पर काम आरंभ किया है कि संबंधित महकमे अपने-अपने अधिकारी को एसआईपीबी में तैनात कर दें। मसलन श्रम संसाधन विभाग, पर्यावरण एवं वन विभाग, ऊर्जा विभाग, नगर निगम और खान आदि महकमे अपने अधिकारी एसआईपीबी में तैनात करेंगे। नए उद्योगों के अनुमति के प्रस्ताव पर इनके स्तर से अनापत्ति प्रमाण पत्र को ले समन्वय किया जाएगा। इससे अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल किए जाने की प्रक्रिया में देरी नहीं होगी। उद्योग विभाग ने संबंधित महकमों को इस बारे में पत्र लिखा है।