बिहार के सीएम नीतीश कुमार के 'लापता' पोस्टर पर राजनीति तेज, FIR दर्ज
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लापता होने के कई पोस्टर कल पटना की सड़कों के किनारे दिखे। पोस्टरों में आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया गया था अब इस मामले में एफआइआर दर्ज की गई है
पटना [जेएनएन]। पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल के राजस्व पदाधिकारी ने नीतीश कुमार के खिलाफ पोस्टरबाजी के मामले में मंगलवार की रात कोतवाली और शास्त्री नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। अधिकारी ने अज्ञात लोगों पर एफआइआर कराई है।
पटना जंक्शन के आसपास, वीरचंद पटेल पथ समेत अन्य स्थानों पर पोस्टर लगाने पर संपत्ति विरुपण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसी तरह राजस्व पदाधिकारी ने बेली रोड पर पोस्टर लगाए जाने के कारण शास्त्री नगर थाने में आवेदन दिया था।
बता दें कि मंगलवार की सुबह पटना में सड़कों के किनारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लापता होने के पोस्टर जगह-जगह लगाए गए थे, जिसे लेकर पुलिस और प्रशासन भी सकते में है। अबतक ये खुलासा नहीं हो सका है कि इस तरह के पोस्टर किसने और क्यों लगाए हैं? इसे लेकर ये भी लग रहा है कि किसी ने साजिशन ये काम तो नहीं किया है?
मुख्यमंत्री के लापता होने को लेकर लगाए पोस्टर
नागरिकता संशोधन कानून, CCA और NRC के मुद्दे पर बिहार में राजनीति जारी है। बयानबाजी के बीच पटना में लगे पोस्टर पर भी राजनीति शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी पटना में लगे पोस्टर के मुद्दे को लेकर ट्वीट किया और सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा। जिसका जवाब जदयू नेता संजय सिंह ने दिया।
तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा...
मुँह पर ताला
कान पे जाला
आँख पे पट्टी
नहीं अता-पता
है वो लापता
#CAB_NRC पर मौन
बूझो कौन ?
उनके इस ट्वीट का जवाब देते हुए प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद को यह बताना चाहिए कि आखिर लापता कौन है? लापता का पोस्टर लगवाने से कोई लापता नहीं होता। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैैं और अपनी यात्राओं के साथ लोगों के बीच हैैं। जल-जीवन-हरियाली यात्रा में हैैं मुख्यमंत्री। अगर तेजस्वी की इच्छा है तो उक्त यात्रा में जाकर मुख्यमंत्री को सुन सकते हैैं।
संजय ने कहा कि तेजस्वी यादव को एक पोस्टर यह भी लगवाना चाहिए कि जेल जाने की तैयारी कौन कर रहा है? यह किसी को बताने की जरूरत नहीं कि 30 साल की उम्र्र में कोई खरबपति कैसे बन गया? माना कि नेता प्रतिपक्ष उतने पढ़े-लिखे नहीं हैैं लेकिन लोकसभा में जब नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा हो रही थी तो उसे उन्होंने ध्यान से नहीं सुना।
लोकसभा में जदयू के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने स्पष्ट तौर पर बताया था कि हम लोग किस प्रावधान के तहत नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन कर रहे हैैं। राज्यसभा में चर्चा के दौरान आरसीपी सिंह ने इस पर विस्तार से प्रकाश डाला था। अब भी अगर वह चाहें तो सारी कार्यवाही निकलवाकर पढ़ लें। यह मामला देश का है। जिन्हें इसकी जिम्मेवारी दी गई है वह जबाव दे रहे हैैं।
पटना में लगे पोस्टरों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करते हुए उन्हें लापता बताया गया है। लिखा गया है कि वे अदृष्य मुख्यमंत्री हैं, जाे पांच साल में एक बार शपथ ग्रहण समारोह में नजर आते हैं।
आरजेडी ने कहा: बदनाम करने की साजिश
इन पोस्टरों पर आरजेडी नेता एज्या यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी इस तरह की ओछी हरकत नहीं करती है। आरजेडी को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन को इस मामले की जांच करनी चाहिए।
क्या लिखा है पोस्टरों में, जानिए
पटना में लगे इन पोस्टरों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लापता होने की सूचना है। दूसरे पोस्टर में लिखा है कि उन्हें ढूंढने वाले का बिहार सदा आभारी रहेगा। एक अन्य पोस्टर में नीतीश कुमार को अदृश्य मुख्यमंत्री बताते हुए लिखा गया है कि वे पांच साल में केवल शपथ ग्रहण समारोह में नजर आते हैं।
Bihar: 'Missing' posters of Chief Minister Nitish Kumar put up across the city in Patna. pic.twitter.com/IZcMu230Km
— ANI (@ANI) December 17, 2019