प्रदेश के ईंट-भट्टों पर गिरने वाली है गाज, जानें बचाने के लिए क्या होगा करना Patna News
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने प्रदेश के सभी ईंट-भट्ठा मालिकों को पत्र लिख आदेश दिया है। 31 अगस्त तक नई तकनीक न अपनाने वाले ईंट-भट्ठों को बंद करा दिया जाएगा।
By Edited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 08:36 PM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 11:34 AM (IST)
पटना, जेएनएन। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने प्रदेश के सभी ईंट-भट्ठा मालिकों को पत्र लिख उन्नत तकनीक अपनाने का निर्देश दिया है। 31 अगस्त तक नई तकनीक न अपनाने वाले ईंट-भट्ठों को बंद करा दिया जाएगा। इसके लिए तैयारी चल रही है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार घोष ने कहा कि राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को वायु प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्र घोषित कर दिया है। ऐसे में कोई भी उद्योग बिना पर्षद की अनुमति के राज्य में संचालित नहीं किया जा सकता है।
जो उद्योग बिना अनुमति के संचालित होंगे, उन्हें बंद कराया जाएगा। इसी के मद्देनजर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने राज्य के सभी ईंट-भट्ठों के संचालकों को निर्देश दिया है कि वे माह के अंत तक अपने ईट-भट्ठे को उन्नत तकनीक में तब्दील कर लें। उन्होंने कहा कि उन्नत तकनीक अपनाने के लिए ईट-भट्ठा मालिकों से वर्ष 2016 से आग्रह किया जा रहा है लेकिन वे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इसी बीच कुछ मालिक पटना उच्च न्यायालय चले गए। अब कोर्ट ने भी ईट-भट्ठा मालिकों को 31 अगस्त तक उन्नत तकनीक अपना लेने का आदेश दिया है।
अध्यक्ष ने कहा कि जिन मालिकों ने उन्नत या स्वच्छ तकनीक अपना ली है, वे शपथ पत्र के माध्यम से बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को सूचित करेंगे। साथ ही उन्हें नई तकनीक की तस्वीर भी पर्षद को मुहैया करानी होगी। वहीं राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की कोलकाता स्थित पूर्वी बेंच ने आदेश दिया है कि जो ईट-भट्ठे प्रदूषण पर्षद के नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनसे पर्षद की कैटेगरी-सी व डी के तहत पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति वसूली जाएगी।
जो उद्योग बिना अनुमति के संचालित होंगे, उन्हें बंद कराया जाएगा। इसी के मद्देनजर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने राज्य के सभी ईंट-भट्ठों के संचालकों को निर्देश दिया है कि वे माह के अंत तक अपने ईट-भट्ठे को उन्नत तकनीक में तब्दील कर लें। उन्होंने कहा कि उन्नत तकनीक अपनाने के लिए ईट-भट्ठा मालिकों से वर्ष 2016 से आग्रह किया जा रहा है लेकिन वे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इसी बीच कुछ मालिक पटना उच्च न्यायालय चले गए। अब कोर्ट ने भी ईट-भट्ठा मालिकों को 31 अगस्त तक उन्नत तकनीक अपना लेने का आदेश दिया है।
अध्यक्ष ने कहा कि जिन मालिकों ने उन्नत या स्वच्छ तकनीक अपना ली है, वे शपथ पत्र के माध्यम से बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को सूचित करेंगे। साथ ही उन्हें नई तकनीक की तस्वीर भी पर्षद को मुहैया करानी होगी। वहीं राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की कोलकाता स्थित पूर्वी बेंच ने आदेश दिया है कि जो ईट-भट्ठे प्रदूषण पर्षद के नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनसे पर्षद की कैटेगरी-सी व डी के तहत पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति वसूली जाएगी।
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