Bihar Politics: आरक्षण पर JDU नेता के विवादित बयान पर गरमाई सियासत, CM नीतीश ने कहा- यह जरूरी
बिहार में जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक के आरक्षण पर विवादित बयान के बाद सियासत गर्म हो गई है। आरजेडी के श्याम रजक ही नहीं सत्ताधारी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी भी विरोध पर उतर आए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आरक्षण को जरूरी बताया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics आरक्षण (Reservation) के मुद्दे पर बिहार की सियासत फिर गरमा गई है। शुरुआत जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रवक्ता अजय आलोक (Ajay Alok) के बयान से हुई और धीरे-धीरे सभी दलों के नेता सामने आने लगे। अजय आलोक ने बयान दिया कि आरक्षण में संशोधन होना चाहिए। जो आज इसका लाभ ले रहे हैं, दो पीढ़ी बाद उन्हें आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। इस बयान को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने संविधान का अपमान बताया तो हिंदुस्तानी अवमा मोर्चा (HAM) ने भी संशोधन की बात कहने वाले को दलित-आदिवासियों का विरोधी बताया। जेडीयू के अंदर भी इस बयान का विरोध होने लगा है। जेडीयू के वरिष्ठ नेता निहोरा यादव ने कहा कि आरक्षण की वर्तमान व्यवस्था में किसी तरह के संशोधन की जरूरत नहीं है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने भी आरक्षण के पक्ष में बयान दिया है।
कोई नहीं छीन सकता आरक्षण : श्याम रजक
आरजेडी के वरिष्ठ नेता श्याम रजक (Shyam Rajak) ने कहा कि आरक्षण किसी ने भीख या दान में नहीं दिया है। यह संवैधानिक व्यवस्था है। इसे कोई छीन नहीं सकता है। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को स्पष्ट करना चाहिए कि इस मुद्दे पर उनका क्या विचार है। अगर असहमत हैं, तो अपने बड़बोले नेताओं पर कार्रवाई करें। साथ ही प्रायश्चित भी करें। श्याम रजक ने कहा कि इन्हीं विचारों के कारण वे जेडीयू छोड़ने पर मजबूर हुए। वे आरक्षण के विरोधी हैं और हम समर्थक। जब हमें लगा कि हमारे विचारों के साथ जेडीयू में न्याय नहीं हो रहा है, तो पार्टी छोड़ दी।
आरक्षण था, है और रहेगा : जीतन राम मांझी
पूर्व मुख्यमंत्री और 'हम' के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने भी आरक्षण का समर्थन करते हुए न्यायपालिका और निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आरक्षण था, है और जब तक सब बराबर न हो जाएं, तब तक रहेगा। दलितों-आदिवासियों के विरोधी ही आरक्षण में संशोधन की बात कह सकते हैं। हमारा तो मानना है कि निजी क्षेत्रों और न्यायपालिका में भी आरक्षण हो। इसके लिए जल्द ही दिल्ली में कार्यक्रम करेंगे। पार्टी प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान ने भी बताया कि दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पार्टी आरक्षण को लेकर बड़ी जनसभा करेगी।
सीएम नीतीश ने भी आरक्षण को बताया जरूरी
बिहार में आरक्षण पर सियासत के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण के बिहार फॉर्मूले की चर्चा की। उन्होंने केंद्र में भी बिहार के आरक्षण फॉर्मूले को लागू करने की मांग की है। नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र में केवल पिछड़ा वर्ग को ही आरक्षण के तहत रखा गया है। जबकि, बिहार में अति पिछड़ों को भी आरक्षण दिया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र और राज्य में आरक्षण के पहले से चले आ रहे प्रावधान लागू रहने चाहिए। इसे लेकर आकलन, सर्वे या बहस हो, मगर किसी को आरक्षण से वंचित नहीं किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब आर्थिक आधार पर गैर एससी-एसटी को भी आरक्षण दिया गया है तो आरक्षण खत्म करने या इसके प्रावधान में संशोधन का सवाल कहां है?