बिहार: सीट शेयरिंग पर JDU-BJP की जुबानी जंग के बीच बोले CM नीतीश- सब ठीक है
विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के मुद्दे को लेकर बिहार में जेडीयू व बीजेपी नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि एनडीए में सब ठीक है।
पटना [जेएनएन]। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में सीट शेयरिंग (Seat Sharing) के मुद्दे को लेकर जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेताओं के बीच सियासी बयानबाजी चरम पर है, वहीं इसी बीच मुख्यमंत्री (CM) व जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा है कि विवाद जैसी कोई बात नहीं है, सब ठीक है।
प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद मचा है घमासान
बता दें कि रविवार को प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बिहार में जेडीयू को बड़ी पार्टी बताते हुए बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि विधानसभा चुनाव में पुराना फॉर्मूला नहीं चलेगा, नए फॉर्मूले पर सीट का बंटवारा किया जाना चाहिए। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू को 50 फीसद से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी से सीट बंटवारे को लेकर इस बार चुनाव में अनुपात 1 : 1.3 या 1: 1.4 ही रहेगा। बीजेपी को जेडीयू के इस प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए।
Bihar Chief Minister Nitish Kumar on BJP-JDU alliance in the state: Sab theek hai. pic.twitter.com/ceWqFNVYHe
— ANI (@ANI) December 31, 2019
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने दिया जवाब
प्रशांत किशोर के इस बयान ने बीजेपी नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है। उन्होंने प्रशांत किशोर के इस बयान को खारिज करते हुए जमकर हमला बोला है। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) ने नाम लिए बिना कहा कि जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे गढ़ने वाली कंपनी चलाते हुए राजनीति में आ गए, वे गठबंधन धर्म के विरुद्ध बयानबाजी कर विरोधी गठबंधन को फायदा पहुंचाने में लगे हैं।
प्रशांत किशोर के बयान पर जेडीयू नेता आरसीपी सिंह ने भी कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि मीडिया के सामने सीट बंटवारा नहीं होता।
प्रशांत किशोर ने सुशील मोदी को दिया जवाब
सुशील मोदी के हमले के बाद प्रशांत किशोर ने पलटवार किया। उन्हें परिस्थितियों का उपमुख्यमंत्री (Dy. CM of Situations) बताते हुए कहा कि 'बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व और जेडीयू की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय की है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं। 2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश उपमुख्यमंत्री बनने वाले सुशील मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर लेक्चर सुनना सुखद अनुभव है।