Bihar: अपराधी जुर्म कर रहे और सजा भुगत रहे पुलिस वाले, लॉकडाउन में खाकी वालों का संकट बढ़ा
Bihar Crime कोरोना ने बिहार में पुलिस वालों की परेशानी बढ़ा रखी है। अपराधियों को पकड़ने से पहले पुलिस को हजार बार सोचना पड़ता है। कहीं अपराधी कोरोना संक्रमित निकल गया तो इस डर में पुलिस वाले अपराधियों को आजकल हाथ तक नहीं लगाना चाहते हैं।
पटना, जागरण संवाददाता। कोरोना ने बिहार में पुलिस वालों की परेशानी बढ़ा रखी है। अपराधियों को पकड़ने से पहले पुलिस को हजार बार सोचना पड़ता है। कहीं अपराधी कोरोना संक्रमित निकल गया तो, इस डर में पुलिस वाले अपराधियों को आजकल हाथ तक नहीं लगाना चाहते हैं। किसी अपराधी को गिरफ्तार करने के बाद उसकी कोरोना जांच कराई जाती है। अगर अपराधी संक्रमित निकल गया तो फिर अगले 10 से 20 दिनों तक पुलिस वालों की नींद यूंही उड़ी रहती है। इधर, लॉकडाउन लगाए जाने के बाद पुलिस वालों के सामने ये परेशानी और बढ़ गई है।
कोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए मीलों का सफर तय कर रहे पुलिस वाले
लॉकडाउन के दौरान आम वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध के कारण लोगों की तरह-तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक ऐसी ही समस्या पुलिस के सामने भी पेश आई। खुसरुपुर से पुलिस एक आरोपित को लेकर पेशी के लिए ट्रेन से पटना जंक्शन पहुंची थी, लेकिन वहां से कोर्ट जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिला। उसके बाद हथकड़ी लगे आरोपित को पुलिस पैदल ही सिविल कोर्ट ले गई।
पटना स्टेशन और बस स्टैंड से ऑटो नहीं मिलने के कारण बुरा हाल
जानकारी के मुताबिक खुसरुपुर से दो पुलिसकर्मी पप्पु नाम के एक आरोपित को पेशी के लिए ट्रेन से लेकर पटना जंक्शन पहुंचे थे। लॉकडाउन होने के कारण पटना जंक्शन पर उन्हें कोर्ट जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिला। पुलिसकर्मियों ने वहां से गुजर रहे कुछ वाहन चालकों से कोर्ट जाने के लिए पूछा तो उन्होंने काफी ज्यादा किराया बताया। उसके बाद पुलिसकर्मियों ने कैदी को पैदल लेकर कोर्ट ले जाना तय किया। बाद में दोनों पुलिसकर्मी आरोपित को पटना जंक्शन से पैदल चार किलोमीटर दूर लेकर कोर्ट पहुंचे। पुलिस के मुताबिक, जिस आरोपित को पुलिस कोर्ट में पेशी के लिए ले जा रही थी, उसे शराब बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।