बिहार में 22 सालों से लापता पूरा थाना, ढूंढ़ने में परेशान पुलिस ...जानिए
बिहार के बक्सर में पूरा का पूरा पुलिस थाना 22 सालों से लापता है। इसे पुलिस ढूंढ़ रही है। एसपी ने तात्कालिक तौर पर वहां एक पुलिस चौकी की स्थापना कर दी है।
बक्सर [अशोक कुमार सिंह]। गुमशुदी का यह मामला जरा हटकर है। कोई आदमी या वस्तु के गुम होने की बात तो समझ में आती है, लेकिन यहां तो पूरा का पूरा पुलिस थाना ही गुम हो गया है। बिहार के बक्सर में कहने को तो 22 वर्षों से चार थानाें का संचालन हो रहा है, लेकिन चौथा थाना 'गंगा पुल थाना' कहां है, पुलिस महकमे को भी नहीं पता।
बक्सर में नगर थाना, मुफ्फसिल थाना और औद्योगिक थाना के बारे में तो प्राय: सबको पता है। लेकिन, यहां के गंगा पुल थाना का भी फाइलों में अस्तित्व बरकरार है। इसकी स्थापना का आदेश 1985 में ही जारी कर दिया गया था। बावजूद इसके, आज तक यह थाना नजर नही आता।
नए पुलिस कप्तान राकेश कुमार की नजर इसपर पड़ी है। उनके प्रयास से थाने की गुम हो चुकी फाइल को ढूंढने का काम प्रारंभ तो हुआ, पर इसमें अभी तक सफलता नहीं मिल सकी है। उम्मीद है कि बहुत जल्द ही खो चुके गंगा पुल थाना को ढूंढने में मुख्यालय को कामयाबी मिल जाएगी। इसके साथ ही बक्सरवासियों को एक अतिरिक्त थाना का तोहफा मिलेगा। तबतक के लिए एसपी के आदेश पर चौथे थाने की जगह गंगा पुल चौकी को स्थापित कर दिया गया है।
कब हुई गंगा पुल थाना की स्थापना
यह बात लोगों के लिए आश्चर्य हो सकती है कि आज से 22 वर्ष पूर्व 7 नवम्बर 1985 को बक्सर शहर में एक नया थाना बकायदा पुलिस मुख्यालय के आदेश पर अस्तित्व में आया था। हालांकि, सरकारी फाइलों में दर्ज थाना अब तक धरातल पर नही उतर सका है।
गंगा पुल थाना के नाम से बकायदा इसका नामकरण भी किया जा चुका था। परन्तु, कुछ तकनीकी कारणों और आला अधिकारियों में इच्छाशक्ति की कमी के कारण इसे स्थापित नहीं किया जा सका।
थाना के नाम पर पर्याप्त बल
आश्चर्य तो इस बात पर है कि थाना भले ही धरातल पर नजर नहीं आ रहा हो, पर इस थाना के नाम पर समय-समय पर कार्यबल की संख्या बढ़ाई जाती रही है। सूत्रों की मानें तो मुख्यालय से जारी आदेशानुसार इस थाना में तीन अवर निरीक्षक और तीन सहायक अवर निरीक्षक के साथ दो हवलदार और 8 सिपाहियों का बल मुहैया कराने के आदेश जारी किए गए थे। परन्तु, आज तक न तो थाना दिखाई दिया और न कोई थाना का स्टाफ। ऐसे में व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
थाने की बढ़ी अहमियत
गंगा व तटीय इलाकों पर निगरानी के लिए अलग से साधन-संपन्न थाने की आवश्यकता बराबर महसूस की जा रही थी। खासतौर पर गंगा में अवैध बालू खनन और नौका के रास्ते दूसरे प्रदेशों से बगैर टैक्स का माल खपाने वालों पर लगाम लगाने के लिए यह बेहद जरूरी था। शराबबंदी के बाद इस थाने की अहमियत और बढ़ गई। पुलिस की तमाम कोशिश के बावजूद जिले में पड़ोसी राज्यों से शराब की आवक रोकने में विफलता की बड़ी वजह गंगा थाना का अस्तित्व में नहीं होना है। अभी तस्कर गंगा के रास्ते ही शराब को जिले में ला रहे हैं।
एसपी बोले, जल्द अस्तित्व में आएगा थाना
बक्सर के एसपी राकेश कुमार ने कहा कि 1985 में ही इस थाना का नोटिफिकेशन हुआ था। पर यह अब तक नही खुल सका है। इस संबंध में मुख्यालय से पत्राचार किया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही गंगा पुल थाना का क्षेत्र तय कर इसे खोल दिया जाएगा। फिलहाल यहां एक पुलिस चौकी की स्थापना कर दी गई है, ताकि जिससे अपराध नियंत्रण में मदद मिलती रहे।