प्रकाशपर्व के नाम पर एसएसपी की लेखा शाखा में 65 लाख का घोटाला, तीन निलंबित
पटना पुलिस ने प्रकाशपर्व की सजावट के नाम पर 65 लाख रुपये का घोटाला कर दिया है। जांच के घेरे में कई अधिकारी आ गए हैं।
पटना, जेएनएन। पटना पुलिस के दामन में दाग लगा है। दूसरे विभागों में हुए घोटाले की जांच करते-करते अब खुद पुलिस विभाग में घोटाला हो गया है। प्रकाशपर्व की साज-सज्जा के नाम पर घोटाले की बात सामने आई है। सजावट के लिए तीन कंपनियों को दो बार 65 लाख रुपये का भुगतान कर भ्रष्टाचार करने की बात सामने आई है। जांच के घेरे में कई अधिकारी आ गए हैं। तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। मामले में डीआइजी राजेश कुमार ने कार्रवाई की है।
मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में संपन्न हुए प्रकाश पर्व के दौरान पुलिस विभाग ने साज-सजा और रौशनी के लिए पटना की दो फर्मों सिमोंस इलेक्ट्रानिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड औऱ मेसर्स शंभू आर्ट से इकरारनामा किया था। जिनके बिल का भुगतान भी कर दिया गया था पर दोबारा सिमोंस इलेक्ट्रानिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को वित्तीय वर्ष 2018-19 में विपत्र संख्या 708/18-19 में आइइबी नंबर 153 से 157 तक में 24 लाख 18 हजार 528 रुपये एवं विपत्र संख्या 707/18-19 में ओइबी नंबर 49 एवं 50 में मेसर्स शंभू आर्ट के नाम पर 21 लाख 5 हजार 162 रुपये के विपत्र की पुन: निकासी कर ली गई। जांच के क्रम में इन पत्रों के साथ मूल वाउचर नहीं पाया गया। आइजी ने यह आदेश दिया है कि दोनों फर्मों को काली सूची में डाल दिया। 65 लाख रुपये का घोटाला करने की बात सामने आ रही है।
आइजी के निर्देशानुसार डीआइजी ने मंगलवार को एसएसपी लेखा शाखा के प्रधान लिपिक इंदू भूषण तिवारी, मुख्य लेखापाल सुरेश सिंह व तत्कालीन लेखापाल गुंजन विशाल को निलंबित तो किया ही डीआइजी पद में प्रोन्नत पटना के तत्कालीन ग्रामीण एसपी ललित मोहन प्रसाद से भी स्पष्टीकरण मांगा है।