रिजल्ट स्कैम : प्रोडिकल साइंस गर्ल रुबी व बच्चा-लालकेश्वर के खिलाफ चार्जशीट
पटना पुलिस की एसआइटी ने सोमवार को बिहार बोर्ड के रिजल्ट घोटाला में 32 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इसके बाद कांड के आरोपियों की मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही है।
By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 05 Sep 2016 07:39 PM (IST)Updated: Mon, 05 Sep 2016 10:21 PM (IST)
पटना [वेब डेस्क]। बिहार बोर्ड के रिजल्ट स्कैम की चार्जशीट सोमवार को पटना पुलिस की एसआइटी ने निगरानी कोर्ट में दाखिल कर दी। 4124 पन्ने की इस चार्जशीट में पॉलिटिकल साइंस को प्रोडिकल साइंस बता चर्चा में आई इंटर आर्ट्स की फर्जी टॉपर रूबी राय समेत 32 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया है। एसआइटी अपनी रिपोर्ट सौंपने से पहले 51 लोगों से पूछताछ कर चुकी है।
विदित हो कि करीब तीन महीने पहले मीडिया में मामला उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर घोटाले की पुलिस जांच आरंभ की गई। इसकी जद में बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष व सचिव सहित कई सफेदपोश आ गए। कई फर्जी टॉपर भी सामने आए। घोटाले के सिलसिले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है तथा कई अन्य की तय मानी जा रही है।
हो सकती उम्रकैद तक की सजा
चार्जशीट 86 दिन में तैयार कर ली गई और 87वें दिन दायर हो गई है। 90 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल होने से इस कांड के स्पीडी ट्रायल का रास्ता साफ हो गया है। आरोपियों को उम्र कैद तक की सजा हो सकती है।
गिरफ्तार लोगों में 22 लोकसेवक
देश-दुनिया में चर्चित इस मामले में कोतवाली थाने में छह जून को दर्ज कांड संख्या 270/16 में 32 प्राथमिकी और अप्रथामिकी अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें 22 लोक सेवक, फर्जी तरीके से अंक प्राप्त करने वाले चार छात्र और छह अन्य लोग शामिल हैं।
बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद, उनकी पत्नी पूर्व विधायक ऊषा सिन्हा और वैशाली के विशुन रॉय इंटर कॉलेज के प्राचार्य बच्चा राय समेत 32 लोग गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं।
4124 पृष्ठों की चार्जशीट
घोटाले में एसआइटी ने 4124 पृष्ठ की चार्जशीट कोर्ट में सौंपी है। पहले अभियुक्त की गिरफ्तारी के 90 दिनों के अंदर आरोपपत्र दायर किए जाने से आरोपी सीआरपीसी 167 के तहत संदेह का लाभ लेकर मामले में जमानत नहीं पा सकते। चार्जशीट के अलावा एसआइटी ने अप-टू-डेट केस डायरी और मुख्य आरोपियों की संपत्ति का ब्योरा संलग्न किया है।
संपत्ति जब्ती को दी अर्जी
एसआइटी ने मुख्य आरोपियों की संपत्ति का ब्योरा दिया है और आर्थिक अपराध इकाई एवं प्रवर्तन निदेशालय के माध्यम से संपत्ति जब्त करने के लिए अर्जी दी है।
पूर्व बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद और उनकी पत्नी ऊषा सिन्हा के बैंक खाते समेत अन्य माध्यम से दो करोड़ से अधिक, उनके दामाद विवेक रंजन का 56 लाख रुपये की एफडी, स्टोर कीपर विकास सिंह के तीन करोड़ का फ्लैट, पूर्व सचिव हरिहर नाथ झा और श्रीनिवास चंद्र तिवारी एवं अन्य की संपत्ति का पता चल पाया है। अभी तक पूरी संपत्ति का ब्योरा नहीं मिल सका है।
पहली कार्रवाई में पांच गिरफ्तारी
घोटाले में एसआइटी ने आठ जून को पहली कार्रवाई की थी, जिसमें दो नामजद जीए इंटर कॉलेज की केंद्राधीक्षक शैल कुमारी एवं राजेंद्र नगर ब्वॉयज स्कूल के प्रिंसिपल सह मूल्यांकन केंद्र के केंद्राधीक्षक विश्वेश्वर प्रसाद यादव सहित गणित शिक्षक संजीव कुमार सुमन, बिहार इंटरमीडिएट काउंसिल के प्रशाखा पदाधिकारी शंभू कुमार दास एवं सहायक रणजीत मिश्रा की गिरफ्तारी हुई थी।
इस कार्रवाई के 90 दिन के भीतर एसआइटी को चार्जशीट दायर करनी थी, जो तय सीमा से तीन दिन पहले यानी 87वें दिन दे दी गई। 11 जून को मास्टर माइंड हाजीपुर के विशुन राय कॉलेज के संचालक सह प्रिंसिपल अमित कुमार उर्फ बच्चा राय और 20 जून को वाराणसी से लालकेश्वर प्रसाद और उनकी पत्नी पूर्व विधायक ऊषा सिन्हा पकड़ी गईं थी।
ये 32 लोग हैं घोटाले के आरोपी
एसआइटी ने कुल 32 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है। ये हैं...
1. राहुल कुमार
2. शंभूनाथ दास
3. संजीव कुमार सुमन
4.विशेश्वर प्रसाद यादव
5. रंजीत कुमार मिश्रा
6.शैल कुमारी
7. अजीत शक्तिमान
8. संदीप कुमार झा
9. बच्चा राय
10. अनिल कुमार
11. वीणा कुमारी सिन्हा
12. उषा सिन्हा
13. लालकेश्वर प्रसाद सिन्हा
14.प्रभात कुमार जयसवाल
15. नन्द किशोर यादव
16. डॉ. कुमारी शंकुन्तला
17. निशु सिंह
18. रीता कुमारी
19. रुबी राय
20. विकास चंद्रा
21. हरिहरनाथ झा
22. राम भूषणा झा
23. श्रीनिवास चंद्र तिवारी
24. अजय कुमार सिंह
25. विनोद चंद्र झा
26. सुरेंद्र प्रसाद
27. चंद्रमणी प्रसाद सिंह
28. अरुण कुमार सिंह
29. अोम प्रकाश सिन्हा
30. राहुल राज
31. सौरभ श्रेष्ठ
32. आस्था श्रीवास्तव
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