नया प्रयोग: बिहार में अब थानेदारी के लिए परीक्षा, पटना महिला थाना से हुई शुरूआत
बिहार पुलिस ने थानों का प्रभार देने के लिए नया प्रयोग किया है। पटना महिला थाना की थानेदारी के लिए परीक्षा व साक्षात्कार लेकर पदस्थापन किया गया है। क्या है मामला, जानिए इस खबर में।
पटना [जेएनएन]। बिहार में थानेदारी देने के लिए अब लिखित परीक्षा और साक्षात्कार होने लगा है। चौंकिए नहीं, पटना के महिला थाना में इसी तरह थानेदार का पदस्थापन किया गया है। 2009 बैच की महिला दारोगा रवि रंजना कुमारी को महिला थाना का प्रभार सौंपा गया है। इससे पहले वे पटना के कोतवाली थाने में जूनियर सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थीं।
शामिल हुई थीं 27 महिला दारोगा
पटना जिले में कुल 40 महिला दारोगा हैं, इनमें से सिर्फ 27 महिला थाने की थानेदारी पाने के लिए इच्छुक थीं। सिटी एसपी की टीम ने पहले उनकी लिखित परीक्षा ली, फिर साक्षात्कार लिया। 50 अंक की लिखित परीक्षा हुई, जिसमें पांच-पांच ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न थे। साक्षात्कार भी 50 अंकों का था। प्रभारी एसएसपी सह सिटी एसपी (मध्य) अमरकेश डी ने मेधा सूची तैयार कर डीआइजी को सौंपा।
इन्हें किया गया पुरस्कृत
मेधा सूची में दूसरे स्थान पर रही गांधी मैदान थाने की दारोगा अर्चना कुमार सिन्हा और तृतीय स्थान पाने वाली दारोगा उपासना को पुलिस उपमहानिरीक्षक राजेश कुमार ने पांच-पांच हजार नकद देकर पुरस्कृत किया गया। डीआइजी ने थानेदारी देने के लिए बनी नई प्रणाली को सफल बताया और कहा कि भविष्य में भी इसे जारी रखा जाएगा।
रैंकिंग के बाद हटाए जाएंगे पैरवी पुत्र
डीआइजी ने जिले के सभी थानों को चार टास्क दिए थे। उन्हें पूरा करने के लिए 15 दिन की मोहलत मिली थी, जिसकी अवधि नौ जुलाई को समाप्त हो गई। जल्द थानों की ग्रेडिंग जारी होगी और लंबे समय से पैरवी के बल पर एक ही थाने में टिके थानेदारों को हटाया जाएगा। रैंकिंग में नीचे आने वाले तीन थानों के थानेदार समेत प्रतिनियुक्त सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया जाएगा और छह माह तक किसी थाने में उनकी तैनाती नहीं होगी। उनसे रायफल ड्यूटी और रात्रि गश्ती कराई जाएगी।