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PM Modi Cabinet Expansion: केंद्र में मंत्री बन गए पशुपति कुमार पारस, अब क्‍या करेंगे चिराग पासवान

PM Modi Cabinet Expansion पीएम मोदी के कैबिनेट विस्‍तार के पहले से हीं पशुपति पारस के घर के बाहर मिठाइयां बांटी जा रहीं थीं। जबकि पीएम मोदी के हनुमान चिराग पासवान पहले से कह रहे थे कि अगर पारस को एलजेपी से मंत्री बनाया जाता है तो मुश्किल होगी।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 07 Jul 2021 02:39 PM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 11:05 AM (IST)
PM Modi Cabinet Expansion: केंद्र में मंत्री बन गए पशुपति कुमार पारस, अब क्‍या करेंगे चिराग पासवान
चिराग पासवान, पशुपति पारस एवं पीएम नरेंद्र मोदी। फाइल तस्‍वीरें।

पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। PM Modi Cabinet Expansion प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आज शाम हुए केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार (PM Modi Cabinet Expansion) का असर बिहार की राजनीति पर गहरा पड़ना तय माना जा रहा है। राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) से मंत्रिमंडल में पशुपति पारस (Pashupati Paras) को जगह दिए जाने के बीच बड़ा सवाल यह है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हनुमान' (Hanuman of PM Narendra Modi) चिराग पासवान (Chirag Paswan) का अगला कदम क्‍या होगा?

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क्‍या अपने 'राम' से भी नाउम्‍मीद हुए चिराग?

विदित हो कि एलजेपी में रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) की विरासत की जंग में पशुपति पारस सहित पांच सांसदों ने अलग गुट बना लिया है, जिसे लोकसभा (Lok Shabha) में बतौर एलजेपी मान्‍यता भी मिल चुकी है। इसके बाद चिराग पासवान ने उन सभी सांसदाें को पार्टी से निकालते हुए पार्टी संविधान का हवाला देकर लोकसभा अध्‍यक्ष (Lok Shabha Speaker) से आग्रह किया है कि वे पशुपति पारस गुट से एलजेपी की मान्‍यता वापस लें। चिराग ने यह कहा था कि अगर केंद्रीय मंत्रिमंडल में पशुपति पारस गुट से किसी को बतौर एलजेपी सांसद शामिल किया जाता है, तो उन्‍हें इसपर आपत्ति होगी। चिराग ने कहा था कि उन्‍हें विश्‍वास है कि उनके राम (पीएम मोदी) अपने हनुमान (चिराग पासवान) का वध होते नहीं देखेंगे। हालांकि, वे यह भी कह चुके हैं कि भविष्‍य की राजनीति के लिए उनके विकल्‍प खुले हैं।

पशुपति पारस बनाए गए कैबिनेट मंत्री

पशुपति पारस को प्रधानमंत्री आवास पर बुलाया गया था। इसके पहले उनकी गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से भी बातचीत की खबरें आईं थीं। इस बीच पशुपति पारस के आवास के बाहर मिठाइयां भी बांटी जाने लगीं। एलजेपी के पारस गुट के प्रवक्‍ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने पशुपति पारस के मंत्री पद की शपथ लेने की पुष्टि भी कर दी। इस राजनीतिक घटनाक्रम के बीच चिराग पासवान फिलहाल मौन हैं। हां, उन्‍होंने दिल्‍ली हाईकोर्ट में पशुपति पारस को लोकसभा में एलजेपी का नेता बनाए जाने को चुनौती देते हुए विरोध की शुरुआत जरूर कर दी है।

बड़ा सवाल यह कि अब आगे क्‍या करेंगे चिराग?

चिराग पासवान ने पशुपति पारस को मंत्रिमंडल में एलजेपी सांसद के रूप में जगह दिए जाने का विरोध किया है।  इस बीच राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) उन्‍हें अपने पाले में करने की कोशिश में लगातार लगा हुआ है। आरजेडी ने अपने 25वें स्‍थापना दिवस समारोह के दौरान एलेजपी के संस्‍थापक रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) की जयंती पर उन्‍हें श्रद्धांजलि भी दी। ऐसे में सवाल यह है कि बीजेपी से पहले से निराश चिराग पासवान अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नाउम्‍मीद होने की स्थिति में क्‍या करेंगे?

खुले रखे विकल्‍प, पहले से देते रहे हैं बड़े संकेत

बीजेपी का साथ छोड़ने की स्थिति में चिराग क्‍या करेंगे, इसका संकेत वे पहले दे चुके हैं। हाल ही में उन्‍होंने एलजेपी पर अपना दावा करते हुए समर्थकों से अगले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) की तैयारियों में अकेले जुट जाने को कहा था। यह भी संभव है कि वे आरजेडी के निमंत्रण को स्‍वीकार कर विपक्षी महागठबंधन (Mahagathbandhan) के साथ अपना भविष्‍य तलाशें। उन्‍होंने अपने सभी विकल्‍प खुले जो रखे हैं।


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