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राष्‍ट्रीय जलमार्ग एक की राह कठिन कर रहे बिहार के पीपा पुल, इन्‍हें खोलने के बाद आगे बढ़ता है जहाज

जहाज की गति में बिहार का छह पीपा पुल बाधक राष्ट्रीय जलमार्ग एक में जहाज के सामान्य परिचालन को करनी होगी ठोस पहल पीपा पुल खुलने के इंतजार में खड़ी रहती है जहाज लदा सामान लेट पहुंचने व खराब होने की आशंका

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 12:21 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 12:21 PM (IST)
राष्‍ट्रीय जलमार्ग एक की राह कठिन कर रहे बिहार के पीपा पुल, इन्‍हें खोलने के बाद आगे बढ़ता है जहाज
पटना सिटी के गायघाट में बना पीपा पुल। जागरण

पटना सिटी, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या एक (National Water way -01) के रास्ते गंगा में मालवाहक तथा यात्री जहाज चलाने की महत्वाकांक्षी योजना को पीपा पुल से झटका लग सकता है। बिहार क्षेत्र के गंगा में बने छह पीपा पुल को जहाज आने से पहले खोलने और जहाज पार कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। फिलहाल इन पीपा पुलों से ही जहाज की गति रुक रही है। इन बातों का उल्लेख भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारिक सूत्रों ने किया। उन्होंने बताया कि वाराणसी से चलकर पटना पहुंचने में मालवाहक रविंद्र नाथ टैगोर जहाज को पीपा पुल समय से नहीं खुलने के कारण ही देरी हो रही है। इस योजना में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रुचि रही है। यह राष्‍ट्रीय जलमार्ग प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को पश्चिम बंगाल के हल्‍दि‍या से जोड़ता है।

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बिहार में ही कई जगह पीपा पुल

अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि बिहार क्षेत्र के गंगा में बक्सर के समीप नैनीजोर, आरा, दानापुर, भद्रघाट, कच्ची दरगाह, ग्यासपुर में पीपा पुल हैं। वाराणसी से हल्दिया आने-जाने में जहाज को यह सभी पीपा पुल पार करना पड़ता है। जहाज जब पहुंच कर खड़ा हो जाता है तब पीपा पुल को खोलने का काम शुरू होता है। इस कारण कई घंटा तथा पूरा दिन बर्बाद हो जाता है।

परिवहन में देर से बढ़ेगी कीमत

ऐसे में जहाज पर लदे माल के लेट पहुंचने से जलमार्ग से गंगा के रास्ते होने वाला व्यापार प्रभावित होगा। व्यापारी जलमार्ग के बेहतर, सस्ते और सुरक्षित विकल्प को अपनाने से कतराएंगे। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार एवं संबंधित प्रशासन को जहाज के पीपा पुल पहुंचने में जब 12 से 15 किलोमीटर की दूरी बची रहे तभी पुल खोलना शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में नदी पर बने पीपा पुल से जहाज को निकालना बेहद आसान है। वहां की व्यवस्था का पूरा सहयोग मिलता है।

पीपा को अलग करने और जोड़ने में लगते हैं आठ घंटे

भद्रघाट स्थित पीपा पुल निर्माण करने वाली कंपनी के निदेशक शैलेंद्र कुमार ने बताया कि एक जहाज पार कराने के लिए पीपा को दो जगह खोलना पड़ता है। दो सिरे से नट खोलने तथा वेल्डिंग काटने में लगभग तीन घंटा लगता है। जहाज जाने के बाद इसे जोड़ने में लगभग पांच घंटा लग जाता है। तब जाकर पीपा पुल पर वाहनों का परिचालन शुरू होता है। खोलने का आदेश जिला प्रशासन से प्राप्त होता है। 12 मीटर का एक पीपा होता है। एक जहाज को पार कराने के लिए चार से छह पीपा खोलना और जोड़ना पड़ता है।


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