लोकसभा चुनाव: औरंगाबाद में पहले लोकतंत्र का महापर्व, तब आस्था का लोकपर्व चैती छठ
एक तरफ घर में आस्था का महापर्व चैती छठ का उत्साह तो बाहर लोकतंत्र के महापर्व की खुशी। यह बिहार मेें ही देखा जा सकता है और औरंगाबाद में पहले चरण की वोटिंग में देखा भी गया
पटना [जेएनएन]। एक तरफ घर में आस्था का महापर्व चैती छठ का उत्साह, तो बाहर लोकतंत्र के महापर्व की खुशी। लेकिन चैती छठ के बाद भी लाेकतंत्र के महापर्व में कोई कमी नहीं आई। औरंगाबाद में पुरुष क्या, महिलाओं ने अच्छी संख्या में गुरुवार को वोटिंग की। कहा, पहले लोकतंत्र का महापर्व, फिर आस्था का लोकपर्व। किसी को नहीं छोड़ना है।
दरअसल बिहार में पहले चरण में गुरुवार को चार लोकसभा सीटों पर वोटिंग चल रही है। चार लोकसभा सीटों में जमुई, नवादा, गया और औरंगाबाद है। 4 बजे शाम तक की वोटिंग परसेंटेज को देखें तो औरंगाबाद में लोगों ने उत्साहित होकर वोट दे रहे हैं। काफी संख्या में महिलाएं भी कतारों में देखी जा रही हैं।
निर्वाचन विभाग के अनुसार शाम चार बजे तक पहले चरण के चारों लोकसभा क्षेत्रों में सबसे ज्यादा वोटिंग औरंगाबाद में ही हुई है। शाम चार बजे तक औरंगाबाद में 48.76 परसेंट वोटिंग हुई है, जबकि इसकी तुलना में केवल जमुई में अधिक है। जमुई में शाम चार बजे तक 53 परसेंट, जबकि नवादा में 47 परसेंट और गया में 46 परसेंट वोटिंग हुई है।
उधर बिहार के गया व नवादा में भी चैती छठ है, लेकिन औरंगाबाद में सूर्य मंदिर रहने के कारण चैती छठ अधिक मनाया जाता है। चार दिवसीय चैती छठ में गुरुवार को परवैतिन अस्ताचलगामी सूर्य को लोग अर्घ्य देंगे। इसके बाद भी चुनाव को लेकर महिला मतदाताओं के उत्साह में कोई कमी नहीं देखी गयी। यहां तक आंकड़े को देखें तो तेज धूप के बाद भी औरंगाबाद में दोपहर 12 बजे ही लगभग 25 परसेंट वोटिंग हो गई थी, जिसमें महिलाओं का परसेंट अधिक था। चैती छठ के प्रथम अर्घ्य होने के बाद भी महिलाएं लोकतंत्र के महापर्व को मनाने बाहर निकलीं।