मनेर को नगर परिषद का दर्जा नहीं दिए जाने पर नगरवासियों में जताया आक्रोश
आक्रोशित लोगों ने मनेर के साथ सौतेला व्यवहार का आरोप लगाया । उन्होंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। उनका कहना है कि मनेर नगर परिषद बनने की सभी अहर्ता पूरी करता है । लोगों ने जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैये पर रोष जताया ।
मनेर, जागरण न्यूज नेटवर्क । मनेर नगर पंचायत को उत्क्रमित कर नगर परिषद नहीं बनाये जाने पर नगरवासियों में गहरा असंतोष व्याप्त है। मनेर के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार से लोगों का आक्रोश सरकार के प्रति बढ़ता जा रहा है। साथ ही साथ यहां के जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैये से भी लोग खासे नाराज हैं। बिहार सरकार ने कई नगर पंचायतों को उत्क्रमित कर नगर परिषद बना दिया , लेकिन मनेर नगर पंचायत को नगर परिषद की सभी अहर्ता पूरी करने के बाद भी इससे वंचित कर दिया गया।
लोगों ने गिनाईं मनेर की योग्यता
नगर परिषद बनने के प्रमुख शर्तो में शहर की जनसंख्या चालीस हजार से ऊपर होनी चाहिए। नौ - दस वर्ष पूर्व वर्ष 2011 में हुई जनगणना के अनुसार मनेर नगर पंचायत की जनसंख्या चालीस हजार से ज्यादा थी। यहां की जनसंख्या वृद्धि दर पच्चीस फीसदी से ज्यादा है। ग्रामीण क्षेत्रों एवं अन्य जगहों से भी आकर नए लोग यहां बस रहे हैं। ऐसे में अभी मनेर नगर पंचायत की जनसंख्या पचपन हजार से ऊपर होने का अनुमान है। फिर भी मनेर को नगर परिषद में उत्क्रमित नहीं किया जाना राजनैतिक पूर्वाग्रह ही है।
भेजा गया था प्रस्ताव
मनेर नगर पंचायत के पार्षद अमोल बजाज ने कहा कि यह मनेर के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। इस संबंध में मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया है। इन्होंने बताया कि पिछले 18 मई को पत्रांक 106 जिशविअभि के द्वारा डीएम पटना की ओर से निकायों के उत्क्रमण से संबंधित प्रपत्र भेजा गया था जिसे पूर्ण रूप से भरकर नगर पंचायत कार्यालय के पत्रांक संख्या 315 से 20 मई को ही भेज दिया गया। नगर पंचायत के सशक्त समिति की 20 मई को ही हुई बैठक संख्या 35 में भी मनेर नगर पंचायत को नगर परिषद में उत्क्रमित करने का प्रस्ताव पारित कर सरकार को पहले ही भेज दिया गया था ।