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कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का संक्रमण बढ़ा तो पटना में आक्सीजन के लिए होगी मारामारी

पीएमसीएच के क्रायोजेनिक और पीएसए दोनों आक्सीजन जेनरेशन प्लांट में कुछ गड़बड़ियां हैं जो कोरोना संक्रमण फैलने पर परेशानी का सबब बन सकती हैं। वहीं जिले के तैयार आक्सीजन जेनरेशन प्लांट में भी अबतक जेनरेटर और संचालित करने के लिए तकनीशियन की व्यवस्था नहीं की गई है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 05:30 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 05:30 PM (IST)
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का संक्रमण बढ़ा तो पटना में आक्सीजन के लिए होगी मारामारी
ओमिक्रोन का संक्रमण बढ़ा तो आक्सीजन के लिए मारामारी होगी। सांकेतिक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना : कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के आशंकित खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग इलाज व आक्सीजन की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी जिलों के सिविल सर्जन, जिला कार्यक्रम समन्वयक, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी और मेडिकल कालेजों के प्राचार्य और अधीक्षकों के साथ समीक्षा बैठक की। आइजीआइएमएस, पीएमसीएच और एनएमसीएच को छोड़ दें तो सर्जेंसी क्षेत्र में आने वाली 11 में से दस आक्सीजन प्लांट अभी पूरी तरह तैयार नहीं हैं। पीएमसीएच के क्रायोजेनिक और पीएसए दोनों आक्सीजन जेनरेशन प्लांट में कुछ गड़बड़ियां हैं, जो कोरोना संक्रमण फैलने पर परेशानी का सबब बन सकती हैं। वहीं, जिले के तैयार आक्सीजन जेनरेशन प्लांट में भी अबतक जेनरेटर और संचालित करने के लिए तकनीशियन की व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में यदि संक्रमितों की संख्या बढ़ी तो इन छोटी-छोटी कमियों के कारण आक्सीजन के लिए दूसरी लहर जैसी किल्लत हो सकती है। 

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आधिकारिक बयान बनाम धरातल की स्थिति

सिविल सर्जन डा. विभा कुमारी सिंह के अनुसार बाढ़, मसौढ़ी, बख्तियारपुर के आक्सीजन प्लांट तैयार हैं, वहीं गुरु गोविंद सिंह और फतुहा के प्लांट एक से दो दिन में शुरू हो जाएंगे। बाढ़ में एक बार इसका परीक्षण किया जा चुका है, जबकि मसौढ़ी अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार वहां फ्लो मीटर ही नहीं है, ऐसे में वे तुरंत किसी मरीज को आक्सीजन देने में सक्षम नहीं है। गुरु गोविंद लिंह अस्पताल में अभी पाइपलाइन ही नहीं डाली गई है। राजेंद्र नगर हास्पिटल से मिली जानकारी के अनुसार जब एजेंसी उन्हें हैंडओवर करेगी, तब वे उसका परीक्षण कर बताएंगे कि काम कर रहा है कि नहीं। राजवंशी नगर हड्डी हास्पिटल में बताया गया कि ट्रामा सेंटर शुरू होने के बाद आक्सीजन प्लांट शुरू किया जाएगा, अभी कुछ छोटी-मोटी कमियां हैं। दानापुर अनुमंडल अस्पताल में शेष सभी तैयारियां कर ली गई, लेकिन वहां हवा से आक्सीजन बनाने वाला प्लांट ही नहीं पहुंचा है। फुलवारीशरीफ प्लांट भी अभी तक शुरू नहीं हुआ है। 

सांसद रविशंकर प्रसाद के सहयोग से बख्तियारपुर और फतुहा में स्थापित किए जा रहे प्लांट को तैयार बताया जा रहा है, लेकिन दोनों अस्पतालों से वस्तुस्थिति की जानकारी नहीं मिल सकी। पीएमसीएच-एनएमसीएच में एक-एक क्रायोजेनिक और एक-एक हवा से आक्सीजन बनाने वाले प्लांट के अलावा कोरोना से ज्यादा प्रभावित रहे क्षेत्रों के बाढ़, फतुहा, बख्तियारपुर, मसौढ़ी, गुरु गोविंद सिंह अस्पताल, दानापुर अनुमंडल अस्पताल, फुलवारीशरीफ, राजेंद्र नगर अस्पताल, राजवंशी नगर अस्पतालों में पीएसए प्लांट स्थापित किया जा रहा है। 

पीएमसीएच प्रशासन पत्र लिखकर विभाग को करेगा सूचित 

पीएमसीएच में हवा से आक्सीजन बनाने वाला प्लांट सही ढंग से काम नहीं कर रहा है। इसके अलावा क्रायोजेनिक आक्सीजन प्लांट से कोरोना संक्रमितों के लिए जरूरी 15 से 20 लीटर प्रति मिनट का प्रेशर नहीं मिल रहा है। आधिकारिक सूत्रों की माने तो पीएमसीएच प्रशासन स्वास्थ्य विभाग को इस समस्या के समाधान के लिए पत्र लिखने जा रहा है। 

आत्मनिर्भर हुआ आइजीआइएमएस

कोरोना संक्रमण के दौरान आक्सीजन की कमी झेलने के बाद आइजीआइएमएस अब पूरी तरह आक्सीजन को लेकर आत्मनिर्भर हो गया है। अब एक बार में पांच हजार डी टाइप सिलिंडर के बराबर आक्सीन का उत्पादन कर रहा है। अभियंताओं ने बताया कि सामान्य दिनों में 300 सिलिंडर हर दिन खपत हो रहे थे। अब सिलिंडर के हिसाब से मुक्ति मिल गई है। अब संस्थान का आक्सीजन प्लांट चालू होने से बगैर चिंता के निर्बाध आक्सीजन मरीजों तक पहुंच रही है। 


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