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पटना देश में सबसे प्रदूषित शहर, 25 फीसद ट्रैफिक जवानों के फेफड़ों में संक्रमण

पटना एक वार फिर से वायु प्रदूषम में देश में टाप पर पहुंच गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक शहर के ट्रैफिक जवानों के फेफड़े भी वायु प्रदूषण से संक्रमित हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 01:11 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 01:11 PM (IST)
पटना देश में सबसे प्रदूषित शहर, 25 फीसद ट्रैफिक जवानों के फेफड़ों में संक्रमण
पटना देश में सबसे प्रदूषित शहर, 25 फीसद ट्रैफिक जवानों के फेफड़ों में संक्रमण

पटना, जेएनएन। अब किसी ओर की क्या कहें। राजधानी का प्रशासन अपने ही मुलाजिम को स्वस्थ नहीं रख पा रहा है। बात प्रदूषण की हो रही है। बीमार ट्रैफिक जवान हैं। राजधानी का प्रदूषण फेफड़ों को बीमार कर रहा है। सबसे ज्यादा भुक्तभोगी बन रहे हैं ट्रैफिक पुलिस के जवान। एक निजी अस्पताल की रिपोर्ट में राजधानी के प्रमुख चौराहों पर तैनात 98 ट्रैफिक जवानों की स्वास्थ्य जांच की गई इसमें 25 ट्रैफिक जवानों का फेफड़ा खराब पाया गया। निजी अस्पताल ने अपनी जांच रिपोर्ट ट्रैफिक एसपी को सौंपी है।

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15 प्रमुख चौराहे पर तैनात जवानों का लिया था सैंपल

कुछ दिन पूर्व निजी अस्पताल में तैनात चिकित्सकों की टीम ने दीघा मोड़, जेपी सेतु, कुर्जी मोड़, राजा बाजार, बोरिंग रोड चौराहा, आर ब्लॉक, पटले गोलंबर, अनीसाबाद गोलंबर, पटना एयरपोर्ट, पुनाईचक, हड़ताली मोड़, हाईकोर्ट मोड़, इनकम टैक्स, डाकबंगला और कारगिल चौक पर तैनात कुल 98 जवानों का सैंपल लिया था। इसमें आर ब्लॉक, कारगिल चौक और हड़ताली मोड़ पर तैनात जवानों के फेफड़े सबसे ज्यादा खराब पाए गए। रिपोर्ट के मुताबिक कारगिल चौक पर पांच, हड़ताली मोड़ पर चार और आर ब्लॉक पर पांच जवान इस बीमारी के शिकार मिले हैं, जबकि दीघा मोड़, बोरिंग रोड, पटेल गोलंबर और पुनाईचक में तैनात जवानों के फेफड़े ठीक हैं। अस्पताल प्रशासन की टीम ने पचास जवानों को मास्क वितरण किया है।

नॉर्मल मिले पचास जवान, 23 अन्य रोग से परेशान

जांच के दौरान पता चला कि 98 में 50 जवानों का स्वास्थ सामान्य है, जबकि 14 डायबिटीज की चपेट में आ चुके है। इसके साथ ही नौ जवानों ब्लड प्रेशर से परेशान हैं। जांच में पता चला कि धुआं उगलते वाहन का सीधा असर शहर के यातायात पुलिस के जवानों पर पड़ रहा है। चौबीस घंटे में से 12 घंटे शहर की यातायात व्यवस्था में जुटे रहने वाले जवान धुआं उगलने वाले वाहनों के बीच गुजारते है। इसका असर धीरे-धीरे स्वास्थ्य पर नजर आने लगता है। जांच में यह भी पता चला कि अधिकांश जवानों के फेफड़ों में कार्बन की मात्र अत्याधिक पाई गई है। अधिकांश श्वास रोग से पीड़ित निकले। हालांकि चिकित्सक परामर्श के बाद उन्हें बचाव के उपाय भी बताए गए, लेकिन शहर की सड़क, चौराहों पर फैलते प्रदूषण से दिन पे दिन हालात बिगड़ते जा रहे है।

पटना फिर बना सबसे प्रदूषित शहर

पटना में प्रदूषण की मात्र लगातार खतरनाक स्तर पर बनी हुई है। शुक्रवार को पटना में पीएम 2.5 का स्तर एक बार फिर देश में सबसे अधिक रहा। राजधानी में पीएम 2.5 की मात्र 423 रही। कानपुर 419 के साथ दूसरे स्थान पर रहा। मुजफ्फरपुर में पीएम 2.5 की मात्र 346 और गया में 257 रही।


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