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Patna Serial Blast: एक कुली, जिसकी बहादुरी से बची थी राजधानी, जानिए पटना जंक्‍शन पर कैसे पकड़ा था आतंकी

Patna Serial Blast आठ साल पहले साल 2013 के 27 अक्‍टूबर को पटना में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान सीरियल ब्‍लास्‍ट हुए थे। इस मामले में कोर्ट ने सोमवार को नौ दोषियों को सजा दी है। जानिए उस घटना के दौरान धर्मा कुली की बहादुरी की कहानी।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 05:50 PM (IST)Updated: Mon, 01 Nov 2021 03:54 PM (IST)
Patna Serial Blast: एक कुली, जिसकी बहादुरी से बची थी राजधानी, जानिए पटना जंक्‍शन पर कैसे पकड़ा था आतंकी
आतंकी इम्‍तेयाज को पकड़ने वाले धर्मा कुली और ब्‍लास्‍ट के बाद की तस्‍वीर। जागरण

पटना, चन्द्रशेखर। Patna Serial Blast: पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 10 के डीलक्‍स शौचालय में 27 अक्टूबर 2013 को सुबह 9.30 बजे बम धमाके से जंक्शन का पूरा इलाका थर्रा उठा था। दो शक्तिशाली बम धमाकों से आसपास के खिड़कियों के शीशे चटक गए थे। तेज धुंआ निकल रहा था। इसी बीच धुंआ को चीरते हुए कंधे पर लाल गमछा रखे एक व्यक्ति शौचालय के अंदर प्रवेश करता है। शौचालय का गेट खुला हुआ था। सामने एक युवक बम के धमाके बाद घबराहट से पसीना-पसीना हो रहा था। वह डर से कांप रहा था। कंधे पर गमछा रखे अधेड़ ने जब बगल वाले शौचालय में झांककर देखा तो एक अन्य युवक खून से लथपथ पड़ा था। उसे समझते देर नहीं लगी कि बम विस्फोट में इन दोनों का हाथ है। उसकी बहादुरी ने न केवल एक आतंकी को गिरफ्तार कराया, बल्कि पूरी घटना का पर्दाफाश करने में भी मदद की। वह पटना जंक्‍शन पर कुली का काम करने वाला धर्मा था।

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जिसे पकड़ा वह था हार्डकोर आतंकी इम्‍तेयाज

उसने तत्काल डरे-सहमे युवक को पकड़कर शौचालय के एक कोने में ले जाकर बैठा दिया। वह और कोई हीं था जंक्शन पर कुली का काम करने वाला धर्मनाथ यादव उर्फ धर्मा था। उसने जिस युवक को पकड़ रखा था वह हार्डकोर आतंकी इम्तेयाज था। धर्मा कुली अगर इम्तेयाज को नहीं पकड़ता तो शायद गांधी मैदान ही नहीं बोधगया बम ब्लास्ट की घटना का पर्दाफाश नहीं होता। धर्मा कुली पर आतंकियों ने एक बार जानलेवा हमला भी किया था। इसके बाद न्यायालय के आदेश पर उसे सुरक्षा गार्ड भी दिया गया है। 

तलाशी में इम्तेयाज के बैग से मिला था एक बम 

जब रेल पुलिस के साथ ही पटना पुलिस के अधिकारी वहां पहुंचे और आतंकी इम्तेयाज के बैग की तलाशी ली तो बैग से एक जिंदा बम बरामद किया गया। शौचालय में दो और बम मिला। बम इतना शक्तिशाली था कि इसे डिफ्यूज करने में बम निरोधक दस्ते के विशेषज्ञ  नवीन कुमार साह का दाहिना हाथ भी बुरी तरह जख्मी हो गया था। शौचालय में मिले बम का टाइमर फिक्स था। इस पर 11.01 मिनट एवं 11.03 मिनट का टाइम फिक्स किया था। अगर आतंकी इस विस्फोट के बाद पकड़े नहीं जाते तो उनकी योजना महावीर मंदिर को दहलाने की थी। 

इम्तेयाज ने ही गांधी मैदान में दी थी ब्लास्ट होने की सूचना

गिरफ्तारी के बाद आतंकी इम्तेयाज ने ही पटना पुलिस के वरीय अधिकारियों को गांधी मैदान में होने वाले विस्फोट की सूचना दी थी। हालांकि तब तक आतंकी भीड़ में शामिल हो चुके थे। चेक शर्ट पहने आतंकी की तलाश पुलिस के लिए भारी पड़ गया था। हालांकि पटना पुलिस की तत्परता का ही परिणाम है कि गांधी मैदान में हुए इतने बड़े विस्फोट में भगदड़ से होने वाले बहुत बड़ी क्षति को रोक लिया गया। 


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