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गश्ती के समय एक स्थान पर गाड़ी नहीं कर सकेगी पुलिस, 26 सौ से अधिक वाहनों में लगा GPS

पुलिस मुख्यालय से लेकर थानों में तैनात पुलिस की गाड़ियों को जीपीएस से लैस करने की कवायद अंतिम चरण में हैं। अबतक 26 सौ गाड़ियों में जीपीएस लग चुका है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 08:01 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 08:01 AM (IST)
गश्ती के समय एक स्थान पर गाड़ी नहीं कर सकेगी पुलिस, 26 सौ से अधिक वाहनों में लगा GPS
गश्ती के समय एक स्थान पर गाड़ी नहीं कर सकेगी पुलिस, 26 सौ से अधिक वाहनों में लगा GPS

पटना, जेएनएन। पुलिस, गश्त के समय गाड़ी एक जगह खड़ी कर आराम नहीं कर सकेगी। अब उनकी हर गतिविधि पर निगरानी रखी जाएगी। दरअसल, पुलिस मुख्यालय से लेकर थानों में तैनात पुलिस की गाड़ियों को जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) से लैस करने की कवायद अंतिम चरण में हैं। अभी तक 26 सौ से अधिक गाड़ियों को जीपीएस से लैस कर दिया गया हैं। बता दें कि थानों की पुलिस पीआइआर (पुलिस इंफॉर्मेशन रेडियो) पर गश्ती वाहन की गलत लोकेशन बताकर जहा-तहा आराम करते हुए नजर आती थी। ऐसे में जीपीएस सिस्टम लगाने की पहल की गई हैं।

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डीएसपी और एसपी स्तर के अधिकारियों के मोबाइल में एप इंस्टॉल किया गया है, जिससे वे वाहनों की लोकेशन लेते रहेंगे। इससे सभी डीएसपी अपने-अपने थाना क्षेत्र के वाहनों पर निगरानी रख सकेंगे। इसके साथ ही एसपी भी अपने क्षेत्र के थानों की गाड़ियों पर निगरानी रख सकेंगे।

डायल-100 के स्क्रीन पर होगी मॉनीटरिंग

पुलिस वाहनों की डायल-100 से निगरानी की जाएगी। इसके लिए डायल 100 में बड़े स्क्रीन पर गूगल मैप की मदद से गाड़ियों का मूवमेंट दिखता रहेगा। कई बार ये देखा गया है कि रात में पुलिस गाड़ी खड़ी कर देती है और वो घर चले जाते हैं। एसएचओ के पास वरीय अधिकारी फोन करते हैं तो वो अपना लोकेशन कहीं और बताते हैं। लेकिन जीपीएस इनेबल होने के बाद झूठ की खेती बंद हो जाएगी। अधिकारी जिस गश्ती गाड़ी का मूवमेंट देखना चाहेंगे, उसे झट से देख पाएंगे।

इंजन बंद होते ही लाल रंग का आएगा निशान लॉगइन करते ही अधिकारी जान पाएंगे कि उनके क्षेत्र में कितनी गश्ती गाड़िया एक्टिव हैं। गाड़ियों का इंजन बंद है या चालू इस बात की जानकारी मैप पर मिल जाएगी। जिस गाड़ी का इंजन बंद रहेगा उसके आगे लाल रंग का नोटिफिकेशन आता रहेगा। वहीं, चालू इंजन वाली गाड़ियों के आगे हरे रंग का नोटिफिकेशन दिखता रहेगा। डीजल की होगी बचत पुलिस को प्रत्येक वाहन के लिए हर महीने औसत डीजल दिया जाता है। ऐसे में कई बार पुलिसकर्मी अधिक डीजल की माग करते हैं। समय -समय पर डीजल की बचत को लेकर भी आवज उठती रही है। जीपीएस सिस्टम से कितनी गाड़ी चली है। इसका पता चल पाएगा। ऐसे में डीजल का औसत भी पता चल जाएगा। इससे डीजल की चोरी नहीं हो सकती है और उसकी बचत होगी।


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