स्वनिधि योजना से चुटकी भर में मिल रहा है लोन, ब्याज चुकाने में सात फीसद तक अनुदान का प्रावधान
कोरोना के कारण पिछले करीब ग्यारह माह से लड़खड़ाई फुटपाथों की अर्थ व्यवस्था को स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (स्वनिधि) का सहारा मिलने लगा है। सस्ते दर पर दस हजार का ऋण लेकर राज्य भर में 97 सौ से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर अपने लड़खड़ाए कारोबार को संभाल रहे हैं।
श्रवण कुमार, पटना। कोरोना के कारण पिछले करीब ग्यारह माह से लड़खड़ाई फुटपाथों की अर्थ व्यवस्था को स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (स्वनिधि) का सहारा मिलने लगा है। सस्ते दर पर दस हजार का ऋण लेकर राज्य भर में 97 सौ से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर अपने लड़खड़ाए कारोबार को संभाल रहे हैं। पटना में ही लगभग 21 सौ वेंडरों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। जिला स्तरीय बैंकर्स कमेटी की हाल में जारी रिपोर्ट के अनुसार, बैंक ऑफ इंडिया द्वारा सर्वाधिक 421 वेंडरों को ऋण राशि प्रदान की गई है। पिछले एक पखवाड़े में ऋण देने की रफ्तार तेज हुई है। राज्य भर में 1.30 लाख वेंडर चिह्नित किए गए हैं।
इन बैंकों ने दिया योजना का लाभ
बैंक ऑफ बड़ौदा -260
कैनरा बैंक -201
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया-134
पंजाब नेशनल बैंक - 203
यूनियन बैंक - 146
(सहित अन्य बैंक)
ऋण के लिए करना होगा ऑनलाइन आवेदन
पीएम स्वनिधि योजना का लाभ लेने के लिए स्ट्रीट वेंडरों को pmsvanidhi.mohua.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। सड़क किनारे फल-सब्जी, बर्गर या ठेले पर अन्य सामान बेचने वाले, छोटी-मोटी दुकान खोलकर लाउंड्री चलाने वाले, पान दुकानदार सहित अन्य वेंडरों को इस योजना का लाभ मिल सकता है।
जरूरी है आधार कार्ड से मोबाइल नंबर लिंक होना
योजना का लाभ लेने के लिए वेंडर के आधार कार्ड का मोबाइल से लिंक होना जरूरी है। किसी बैंक में खाता होना भी अनिवार्य है, क्योंकि राशि बैक खाते में ही स्थानांतरित होगी। इसके साथ वेंडर को स्थानीय निकाय द्वारा वेंडिंग प्रमाण-पत्र या पहचान-पत्र प्राप्त करना होगा। वैसे वेंडर भी ऋण के हकदार हैं, जो सर्वेक्षण के दौरान पात्र पाए गए हैं।
समय से राशि चुकाने पर ब्याज पर मिलेगा अनुदान
किसान क्रेडिट कार्ड की तरह ही वेंडरों को भी समय से ऋण का किश्त चुकाने पर ब्याज में छूट का भी प्रावधान है। ब्याज पर मिलने वाला अनुदान सात फीसद तक हो सकता है।
- 10 हजार मिल रहे हैं स्ट्रीट वेंडरों को आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए
- 1.30 लाख फुटपाथी दुकानदार चिह्नित हैं पूरे राज्य में
- 10 हजार के करीब वेंडर हैं पटना जिले में
- 97 सौ से ज्यादा वेंडरों को राज्य भर में मिल चुकी है राशि
- 21 सौ से ज्यादा वेंडरों को मिल चुका है पटना में लाभ
मुन्नी, राजकुमार, जयप्रकाश के कारोबार को लग गए पंख
दस हजार के ऋण से बर्गर दुकानदार मुन्नी देवी के डूबते कारोबार को सहारा मिल गया। सिटी में गुरहट्टा मोड़ पर मुन्नी के बर्गर की दुकान लगती है। कपड़े की फेरी करने वाले जय प्रकाश की स्थिति भी संभल गई है। राजकुमार, उदय और राजू को भी बैंक से इस योजना के तहत ऋण दिए गए हैं।
यूनियन बैंक पटना सिटी के प्रबंधक गीत गुंजन ने बताया कि स्वनिधि योजना के तहत वेंडरों को दस हजार रुपये तक का ऋण दिया जा रहा है। इस योजना का लाभ वैसे वेंडर भी ले सकते हैं, जो वेंडर के रूप में निबंधित नहीं हैं। उन्हें अभी वार्ड पार्षद या नगर निगम के माध्यम से वेंडर प्रमाण मुहैया कराया जा रहा है। ऋण के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के समय ही किस बैंक में खाता है, इसकी जानकारी देनी होती है। उसके बाद उस बैंक से वेंडर को ऋण दिया जाता है।