Swachh Survekshan 2021: स्वच्छता सर्वेक्षण के बहाने संवर रही पटना के स्लम की सूरत
Swachh Survekshan 2021 स्वच्छता रैंकिंग में ज्यादा अंक आने के लिए पटना नगर निगम स्लम बस्तियों को स्वच्छ बनाने में जुट गया है। मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। यहां रहने वाले लोग दयनीय जीवन जीने को विवश हैं।
पटना, जेएनएन। स्वच्छता रैंकिंग में ज्यादा अंक आने के लिए पटना नगर निगम स्लम बस्तियों को स्वच्छ बनाने में जुट गया है। मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। यहां रहने वाले लोग दयनीय जीवन जीने को विवश हैं। इसमें सुधार के लिए पीने का पानी, बिजली, सड़क आदि सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। जर्जर सामुदायिक शौचालय की मरम्मत हो रही है तथा नये सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है।
हर मूलभूत सुविधा अपनाने पर दिया जा रहा जोर
पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा नियमित रूप से स्लम बस्तियों में भ्रमण कर गुणवत्ता के साथ सुविधा उपलब्ध कराने में जुट गए हैं। नगर आयुक्त का कहना है कि स्लम क्षेत्र में बड़ी आबादी बसती है। स्वच्छता सर्वेक्षण में स्लम क्षेत्र भी है। इन्हें हर तरह की मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। नगर आयुक्त ने स्लम क्षेत्र विकास शाखा का गठन कर दिया है। सभी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी, सभी नगर प्रबंधक और सभी कार्यपालक अभियंता को अपने-अपने क्षेत्र के नोडल पदाधिकारी बना दिया गया है।
युवतियों को दिया जा रहा स्वच्छता का संदेश
इज्जत अभियान के तहत स्लम क्षेत्र में रहने वाली सभी युवा लड़कियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सैनिटरी नैपकीन प्रतिमाह मुफ्त उपलब्ध कराने का कार्य चल रहा है। यह कार्यक्रम नियमित रूप से चलेगा। पटना में 150 स्लम क्षेत्र हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के दौरान केंद्रीय टीम स्लम क्षेत्रों में भी दौरा करना है। निगम को दिसंबर माह तक स्लम क्षेत्रों सहित सभी तरह के कार्यो की सूचना दे देनी है। पटना नगर निगम की महापौर सीता साहू ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर अंक लाने के उदेश्य से हर स्तर पर कार्य हो रहा है।
शाैचालय के इस्तेमाल के लिए कर रहे जागरूक
स्लम क्षेत्रों के लोगों से शौचालय के उपयोग करने के लिए नगर निगम की टीम दबाव बना रही है। अधिकारी भी सुबह-सुबह भ्रमण करने लगे हैं। सड़क के किनारे शौच नहीं कर स्वच्छ वातावरण बनाने की जानकारी दी जा रही है। चितकोहरा पुल सहित अधिकांश स्लम बस्ती के आसपास सड़कों के किनारे शौच करने की प्रवृत्ति बंद नहीं हुई है।