निगम कर रहा खानापूर्ति, नाला सफाई में नहीं निकाली जा रही गाद
राजधानी में नाले की सफाई केवल दिखावे के लिए की जा रही है।
पटना : राजधानी में नाले की सफाई केवल दिखावे के लिए की जा रही है। नाले में उगी घास और पॉलीथिन को निकालकर सफाई के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। गाद नहीं निकाली जा रही है। और तो और नाले से जो भी गंदगी निकाली जा रही है उसे सड़क पर ही छोड़ दिया जा रहा है। इसकी बानगी राजीवनगर थाना इलाके में देखने को मिली। वार्ड संख्या 6 में स्थित राजीवनगर नाले की सफाई पिछले तीन-चार दिनों से शुरू हुई है। सफाई के नाम पर केवल नाले की घास-पात निकाली जा रही है। उसे सड़क पर ही छोड़ दिया जा रहा है। इससे आने-जाने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नाले के किनारे किराना दुकान चलाने वाले उमेश शर्मा का कहना है कि पिछले तीन दिनों से कचरा निकालकर सड़क पर ही छोड़ दिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि सुबह के समय नाले में पानी कम रहता है उस वक्त केवल गाद ही दिखती है। सफाईकर्मी गाद को नहीं निकाल रहे हैं। ऐसी स्थिति में बरसात के दिनों में पानी की निकासी तेजी से नहीं हो पाएगी। लिहाजा जलजमाव होगा। लेकिन इस ओर न तो अधिकारियों का ध्यान है और न ही कर्मचारियों का।
वहीं कई वार्डो में बड़े नाले की सफाई शुरू भी नहीं हुई है। वार्ड नंबर 11 के पार्षद रवि प्रकाश ने कहा कि जेसीबी नहीं मिलने के कारण सफाई शुरू नहीं हो सकी है। मजदूरों को पैसा भी नहीं मिल रहा है। वहीं वार्ड 22 के पार्षद राकेश कुमार का कहना है कि नाले की सफाई में लगे मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है। एक सप्ताह पर पेमेंट करने का वादा करके वे लोग मजदूरों को लाए थे लेकिन तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी उनलोगों को निगम से पैसा नहीं मिला। लिहाजा उनलोगों ने काम छोड़ दिया। यही स्थिति सभी वार्डो की है। निगम द्वारा नाले की सफाई के नाम पर सभी वार्डो में 15-20 अतिरिक्त मजदूर दिए गए हैं।
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जहां तक मजदूरों के भुगतान का मामला है दो दिनों में उन्हें पैसे मिल जाएंगे। इसके लिए सभी अंचलों में अकाउंट खुल गए हैं। अब प्रतिदिन मजदूरों को मजदूरी मिलेगी। नाले की सफाई में कोताही बरतने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाएगी और नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा।
- मेयर, सीता साहू