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Patna Lockdown पशुपालकों पर दोहरी मार, चारे की किल्लत के बीच अब दूध के खरीदार नहीं

पशुपालक लॉकडाउन की दोहरी मार झेल रहे हैं। चारे की किल्लत के बीच अब दूध के खरीदार भी नहीं। लोगों के बीच वायरस के डर ने धंधे का मंदा कर दिया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 01:05 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 01:05 PM (IST)
Patna Lockdown पशुपालकों पर दोहरी मार, चारे की किल्लत के बीच अब दूध के खरीदार नहीं
Patna Lockdown पशुपालकों पर दोहरी मार, चारे की किल्लत के बीच अब दूध के खरीदार नहीं

पटना, जेएनएन। पशुपालक लॉकडाउन की दोहरी मार झेल रहे हैं। गाड़ियों की आवाजाही बंद रहने के कारण चारे की कमी हो गई है। कालाबाजारी भी हो रही है। दूसरी तरफ होटलों के बंद रहने से दूध की बिक्री नहीं हो रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साफ आदेश के बावजूद देहात से शहर में पुआल नहीं आ रहा है। राजधानी में कुट्टी काटने की कई बड़ी मशीनें हैं। उन्हें कच्चा माल नहीं मिल रहा है। आठ-नौ रुपये किलो के बदले कुट्टी का दाम 18-20 रुपये प्रतिकिलो हो गया है। लॉकडाउन से पहले सात सौ रुपये में 40 किलो का चोकर का बोरा मिल जाता था। अब इसका दाम 14 सौ रुपये हो गया है।

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रोज सुनने को मिल रही पिटाई की दास्तान

राज्य सरकार ने पशुचारे को भी जरूरी सामग्रियों की सूची में शामिल किया है। इसके आधार पर कुछ गाड़ी वाले पुआल लेकर शहर आ जाते हैं। लौटती में गाड़ी खाली रहती है। यह चालकों की पिटाई का कारण बन जाता है। ऐसे चालक जब गांव जाकर पुलिस पिटाई की दास्तान सुनाते हैं तो अगले दिन से कोई चालक पुआल लेकर शहर आने की हिम्मत नहीं करता है। इस तरह की शिकायत सगुना, दीदारगंज और हाजीपुर से अधिक मिल रही हैं। कारोबार किस हद तक प्रभावित हुआ है इसका उदाहरण है खेमनीचक की एक खटाल।

आपूर्ति हुई बंद

संचालिका कांति सिन्हा बताती हैं-हमारे पास 40 गाय हैं। रोजाना 280 से तीन सौ लीटर दूध का उत्पादन होता है। 125 लीटर दूध दुकानों को जाता था। लॉकडाउन की वजह ये यह आपूिर्त पूरी तरह बंद है। कुछ लोग खटाल से दूध ले जाते थे। इस श्रेणी के 25 फीसदी ग्राहक अभी नहीं आ रहे हैं। ऊपर से चारा की कमी और अधिक कीमत ने हमारे कारोबार को तबाह कर दिया है। कमोबेश यही हालत दूसरे पशुपालकों की भी है। बड़े खरीदार क्या कहते हैं: मनेर स्वीटस के संचालक मनोज कुमार स्वीकार करते हैं कि उनके प्रतिष्ठान में रोजाना छह सौ लीटर दूध की जरूरत पड़ती है। 25 मार्च से दूध की खरीद नहीं हो रही है। सीधा असर हमारी आमदनी पर पड़ा है। पशुपालकों की भी परेशानी बढ़ी है।

क्या है सरकारी आदेश

 लॉकडाउन के अगले ही दिन कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि पशुचारा की ढुलाई पर बंदी का असर नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में भी यही फैसला हुआ। पशुपालन विभाग ने बाजाप्ता इसके लिए आदेश जारी किया। अखबारों में विज्ञापन भी दिए गए। केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा कि पशुचारा की ढुलाई अबाधित रूप से हो। लेकिन सड़क पर तैनात पुलिस के जवानों तक यह आदेश अभी तक नहीं पहुंचा है। आरोप है कि डयूटी में तैनात पुलिसकर्मी इन आदेशों को नहीं मानते हैं।


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