Move to Jagran APP

रविवार विशेष :: बौद्ध शली में विकसित होगा पटना जंक्शन

पटना जंक्शन का विकास होगा। 'पीस थ्रू स्ट्रेंथ' की रहेगी थीम।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 07:00 AM (IST)
रविवार विशेष :: बौद्ध शली में विकसित होगा पटना जंक्शन
रविवार विशेष :: बौद्ध शली में विकसित होगा पटना जंक्शन

फ्लैग : 'पीस थ्रू स्ट्रेंथ' की रहेगी थीम

loksabha election banner

- बाहरी लुक के साथ ही अंदर के लुक को भी बदलने की तैयारी

- एनआइटी पटना ने डिजाइन बनाकर सौंपा

- शांति का प्रतीक बौद्ध स्तूप व शक्ति का प्रतीक अशोक स्तंभ भी दिखेगा

--------

- 05 करोड़ रुपये से अधिक जंक्शन के आधुनिकीकरण पर होंगे खर्च

- 31 दिसंबर तक निर्माण कार्य हर हाल में पूरा कर लेने का लक्ष्य

---------

चंद्रशेखर, पटना : बिहार से पूरे विश्व में बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ था। इस धरती पर ही गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। राजधानी होने के कारण अब पटना जंक्शन को नए तरीके से विकसित करने की कोशिश की जा रही है। दानापुर मंडल के प्रमुख स्टेशनों में शुमार पटना जंक्शन पर बौद्ध कला के जरिये इतिहास को टटोलने की कोशिश की जा रही है। जंक्शन के स्ट्रक्चर में बहुत छेड़छाड़ किए बगैर सामने के हिस्से को बौद्ध कला से खूबसूरत बनाया जा रहा है। इसकी डिजाइनिंग की जिम्मेदारी राजधानी स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) को दी गई है। स्टेशन 'पीस थ्रू स्ट्रेंथ' की थीम पर विकसित होगा। एनआइटी की ओर से शुक्रवार को ही डिजाइन बनाकर दे दिया गया है। इसके स्वरूप के साथ कोई विशेष छेड़छाड़ किए बगैर ही इसके आधुनिकीकरण पर 5 करोड़ से अधिक खर्च किए जाएंगे।

पटना जंक्शन के सामने के हिस्से पर शांति के साथ शक्ति के प्रतीक को दर्शाने की कोशिश की गई है। जंक्शन के डिजाइन में भले ही एक माह का विलंब हो गया है परंतु इसका निर्माण कार्य हर हाल में 31 दिसंबर तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। एनआइटी के विशेषज्ञों की मानें तो पटना जंक्शन को बौद्ध स्तूप के साथ ही वैशाली के वियतनामी मंदिर की शक्ल दी जाएगी। बोधगया, राजगीर व वैशाली के साथ ही पावापुरी के मंदिरों को भी ध्यान में रखकर ही इसके डिजाइन को अंतिम रूप दिया गया है। जंक्शन की अंदर की दीवारों पर पहले से ही मधुबनी पेंटिंग कर सूबे की गौरवशाली कला को उभारने की कोशिश की गई है। सामने के हिस्से को किले की तर्ज पर बनाया जा रहा है। एसबीआइ एटीएम के पास से पार्सल घर तक को एक दीवार के अंदर लिया जाएगा। पूरी दीवार पर भगवान बुद्ध की तस्वीरें अथवा बौद्ध कला को प्रदर्शित किया जाएगा। पूरे भवन की लाइटिंग व्यवस्था को कंप्यूटरीकृत किया जाएगा। शाम में जब एलइडी लाइट से दीवारों पर रोशनी पड़ेगी तो इसका लुक काफी आकर्षक दिखेगा। स्टेशन परिसर से जलजमाव को पूरी तरह से नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। साफ-सफाई व्यवस्था पूरी तरह से मेकेनाइज्ड की गई है।

---------

बिहार में बौद्ध पर्यटकों की संख्या काफी अधिक होती है। यहीं से ही बौद्ध धर्म विश्व के कोने-कोने तक पहुंचा था। इस कारण ही पटना जंक्शन को 'पीस थ्रू स्ट्रेंथ' की थीम पर नया लुक देने की कोशिश की जा रही है। जंक्शन के सामने के हिस्से पर बौद्ध कालीन कला के साथ ही आधुनिक भारत की कला का चित्रण होगा। स्टेशन की दीवारों को मधुबनी पेंटिंग से आकर्षक बनाया गया है। 31 दिसंबर तक स्टेशन पूरी तरह से नए लुक में दिखने लगेगा।

- रंजन प्रकाश ठाकुर, मंडल रेल प्रबंधक, दानापुर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.