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पटना हाईकोर्ट ने दिखाए सख्‍त तेवर, कहा-छह अप्रैल तक ईवीएम विवाद सुलझाएं चुनाव आयोग या सख्त निर्देश को रहे तैयार

बिहार मे आगामी पंचायत चुनाव में ईवीएम मशीन के इस्तेमाल और खरीद को लेकर बिहार राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है l हाई कोर्ट ने कहा- छह अप्रैल तक इसपर फैसला नहीं लिया तो बाध्‍य होकर सख्‍त आदेश जारी करना होगा

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 04:14 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 09:58 PM (IST)
पटना हाईकोर्ट ने दिखाए सख्‍त तेवर, कहा-छह अप्रैल तक ईवीएम विवाद सुलझाएं चुनाव आयोग या सख्त निर्देश को रहे तैयार
ईवीएम मशीन की खरीद पर राज्‍य व भारत निर्वाचन आयोग के बीच टकराव की स्थिति। सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो। ईवीएम खरीदने को लेकर भारत निर्वाचन आयोग और बिहार राज्य चुनाव आयोग में चल रहे विवाद को दोनों की आपसी सहमति से सुलझाने के लिए पटना हाईकोर्ट ने छह अप्रैल तक की समयसीमा बांध दी है। सोमवार को हाईकोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हो पाता है, तो बाध्य होकर अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ेगा। सख्त निर्देश जारी करने पड़ेंगे। पटना हाईकोर्ट ने  बिहार राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग को पंचायत चुनाव को गंभीरता से लेते हुए आपस में मिल- बैठकर समाधान निकाल लेने का निर्देश दिया है | कोर्ट ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग का यह नीतिगत फैसला है इसमें कोर्ट को किसी प्रकार से हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए लेकिन अनावश्यक हस्तक्षेप करना पड़ रहा है।

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बता दें कि बिहार मे आगामी पंचायत चुनाव में ईवीएम मशीन के इस्तेमाल और खरीद को  लेकर बिहार राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है l इस मामले पर सोमवार को न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने सुनवाई की ।

ईवीएम मशीन की खरीद पर टकराव

गौरतलब है कि सूबे में आगामी पंचायत चुनाव के लिए ईवीएम मशीन की निर्बाध आपूर्ति हेतु बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से राज्य निर्वाचन सचिव योगेन्द्र राम द्वारा पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी । राज्य निर्वाचन आयोग के वकील अमित श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि मुख्य विवाद ईवीएम मशीन की खरीद को लेकर है। इसके लिए राज्य सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग को 133 करोड़ की राशि भी आवंटित कर दी है | पंचायत आयोग में मुख्य रूप से राज्य निर्वाचन आयोग को ही जवाबदेह होना चाहिए | उन्होंने यह भी कहा कि विधायक एवं सांसद के चुनाव में ही भारत निर्वाचन आयोग को पीछे पड़ना चाहिए | जबकि भारत निर्वाचन आयोग यह कह रहा है कि बिना अनुमति के राज्य निर्वाचन आयोग ईवीएम मशीन नहीं खरीद सकता है | उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीन को नहीं खरीदने का यही मतलब हुआ की पंचायतो में पुराने पैटर्न (मत-पत्र) के माध्यम से ही मतदान करना होगा |

बिहार से भेद-भाव का आरोप

जबकि त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव के लिए एक विशेष तकनीक युक्त ईवीएम मशीनों की जरूरत है जिसे सिक्योर्ड डिटैचेबल मेमरी मॉड्यूल प्रणाली कहा जाता है । इस डिजाइन की ईवीएम आपूर्ति करने के लिए हैदराबाद स्थित निर्माता कंपनी इसीआईएल भी आपूर्ति करने को तैयार है किंतु भारत निर्वाचन आयोग चुप्पी साधे हुए है । राज्य आयोग ने यह भी आरोप लगाया है कि उपरोक्त तकनीकी युक्त ईवीएम मशीनों के आपूर्ति की मंजूरी राजस्थान और छत्तीसगढ़ के पंचायती राज चुनाव के लिए खुद भारत निर्वाचन आयोग ने मंजूरी दी थी लेकिन बिहार के पंचायती चुनाव के मामले में भेदभाव बरता जा रहा है ।

भारत निर्वाचन आयोग की ओर से एडिशनल सोलिसिटर जनरल केएन सिंह का कहना था कि यद्यपि पंचायत चुनाव संपन्न कराने का अधिकार राज्य चुनाव आयोग को ही है, किन्तु चुनाव को लेकर दिशा-निर्देश जारी करने का अधिकार भारत निर्वाचन आयोग को है |


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