पटना हाईकोर्ट ने बीपीएससी से जुड़े केस में कहा- केवल परीक्षा पास करने से नौकरी का दावा नहीं
पटना हाई कोर्ट ने बिहार लोक सेवा आयोग से जुड़े एक केस में दिया अहम फैसला पीटी परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को नहीं मिली राहत कोर्ट ने कहा- केवल परीक्षा पास करने लेने भी से नहीं पक्का होता नौकरी का दावा
पटना, राज्य ब्यूरो। पटना हाईकोर्ट ने सिविल इंजीनियर भर्ती प्रक्रिया की पीटी पास करने वाले वैसे अभ्यर्थी जिन्हें शैक्षणिक तौर पर अयोग्य पाए जाने और साक्षात्कार में नहीं बुलाया गया था, राहत देने से इनकार कर दिया। न्यायाधीश पीबी बजनथ्री की एकलपीठ ने एक रिट याचिका को खारिज करते हुए उक्त आदेश दिया। उक्त मामला 2017 में प्रकाशित सिविल इंजीनियर की भर्ती के विज्ञापन से संबंधित है। याचिका द्वारा कोर्ट को बताया गया कि आवेदक ने 2017 में प्रकाशित विज्ञापन के समय इंजीनियरिंग कोर्स का तीन वर्ष पूरा कर लिया था।
हाई कोर्ट ने बीपीएससी के फैसले को सही माना
आवेदक का कहना था कि तीन वर्ष का कोर्स पूरा करने पर डिप्लोमा कोर्स के समान हो जाता है। इस बाबत आवेदक ने सिविल इंजीनियर के पद के लिए आवेदन किया। आयोग ने पीटी परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी किया और पीटी और मेंस परीक्षा ली, लेकिन उसे साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया। इसे हाई कोर्ट ने कानूनन सही माना।
ग्रामीण सड़क निर्माण योजना को जनहित में नहीं रोका जा सकता : हाईकोर्ट
पटना हाई कोर्ट ने एक निर्माण कंपनी को ब्लैकलिस्ट किए जाने के खिलाफ दायर हुई रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना को जनहित में नहीं रोका जा सकता। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता कंपनी ने सड़क निर्माण पर अस्थायी रोक लगाने की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव को ग्रामीण सड़कों का निर्माण कार्य जल्द पूरा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी की ब्लैकलिस्टिंग होने की वैधता पर बाद में सुनवाई होगी। इस बीच ग्रामीण सड़कों का कार्य प्रभावित नहीं होना चाहिए। खंडपीठ ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क का निर्माण जल्द से जल्द पूरा करने का आदेश दिया। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।