जिस केस में बरी हुआ, उसी में पुलिस ने दोबारा भेजा जेल, हाईकोर्ट ने कहा- यह गंभीर मामला
बिहार पुलिस के रवैये से पटना हाईकोर्ट हैरान है। 14 साल पहले बरी हुए एक व्यक्ति को पुलिस ने उसी केस में दोबारा जेल भेज दिया। अब पीडि़त ने सरकार से मुआवजा मांगा है।
पटना, राज्य ब्यूरो। 14 साल पहले बरी हुए एक व्यक्ति को पुलिस ने उसी केस में दोबारा जेल भेज दिया। अवैध तरीके से हिरासत में रखे जाने के खिलाफ पीडि़त पक्ष ने राज्य सरकार से 25 लाख रुपये का मुआवजा मांगा है। हाई कोर्ट ने पुलिस की कारगुजारी पर हैरानी जाहिर की है। कोर्ट ने निचली अदालत को पार्टी बनाते हुए बिहार पुलिस से जवाब मांगा है।
न्यायाधीश अश्वनी कुमार सिंह की एकलपीठ ने मो शमीम उर्फ तस्लीम की आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करने के बाद यह आदेश दिया। अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी। याचिकाकर्ता के वकील राजकुमार ने कोर्ट को बताया कि 2002 में किशनगंज जिले के बहादुरगंज थाना कांड संख्या 73/2002 एक हत्याकांड के सिलसिले में दर्ज हुआ था। उसमें याचिकाकर्ता को अभियुक्त बनाया गया था।
वर्ष 2003 में उसके खिलाफ सत्र न्यायालय में ट्रायल शुरू हुआ। 2005 में निचली अदालत ने याचिकाकर्ता को उक्त कांड के सिलसिले में बरी कर दिया। करीब 14 साल बाद पुलिस ने उसी कांड के सिलसिले याचिकाकर्ता को फिर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। शमीम 28 जनवरी से शमीम 7 जून 2019 तक जेल में ही रहा।
पटना हाईकोर्ट के एकलपीठ ने इस मामले को अत्यंत गम्भीर करार देते हुए राज्य के पुलिस महकमे से जवाब तलब किया है और साथ निचली अदालत को भी पक्षकार बनाने का निर्देश याचिकाकर्ता को दिया।