पटना हाई कोर्ट में हुई बिहार के कई एनएच से जुड़े मामलों की सुनवाई, सरकार ने कही तेजी लाने की बात
Bihar NH Projects पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य के विभिन्न नेशनल हाईवे के निर्माण एवं रखरखाव के मामले पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) एवं न्यायाधीश एस कुमार (Justice S Kumar) की खंडपीठ के समक्ष इन मामलों पर सुनवाई हुई।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar NH Projects: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य के विभिन्न नेशनल हाईवे के निर्माण एवं रखरखाव के मामले पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) एवं न्यायाधीश एस कुमार (Justice S Kumar) की खंडपीठ के समक्ष इन मामलों पर सुनवाई के दौरान हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच-77 (Hajipur Muzaffarpur NH 77) के मामले में डीएम, वैशाली ने हलफनामा दायर किया। कोर्ट को बताया गया कि रामाशीष चौक से अतिक्रमण हटा दिया गया है।
मुंगेर से मिर्जा चौक एनएच की भी हुई सुनवाई
पटना हाई कोर्ट में इसके साथ साथ मुंगेर से मिर्जा चौकी एनएच मामले पर भी सुनवाई हुई। यह हाईवे दो जिलों मुंगेर और भागलपुर से होकर गुजरता है। लेकिन गंगा के किनारे स्थित होने की वजह से हर साल बाढ़ के पानी में बह जाता है। इसलिए, बिहार सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार के सड़क व परिवहन मंत्रालय ने कंक्रीट रोड के निर्माण के लिए टेंडर निकाला है, जो कि महीने के अंत तक फाइनल हो जाएगा।
ग्रीन फील्ड कारिडोर बनाने की है तैयारी
इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने सड़क निर्माण विभाग को इसे चलने लायक बनाने के लिए 10 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। वहीं एन एच-80 मुंगेर से मिर्जा चौकी तक वर्तमान सड़क के समानांतर ही ग्रीन फील्ड कारिडोर बनाया जाना है। इसको लेकर एनएचएआइ द्वारा पैसा जमा करने, जमीन अधिग्रहण की स्थिति, क्षतिपूर्ति की राशि के बटवारे व कब्जा सौपने के संबंध में हलफनामा दायर करने को कहा गया है।
महेश खूंट और पूर्णिया रोड पर हुई चर्चा
राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने बताया कि इसके अलावा महेश खुट- सहरसा- पूर्णिया सेक्शन पाकेट- 1, एन एच- 107 जल्द से जल्द पूरा करने में आने वाले अड़चनों को हटाने का आदेश जिला प्रशासन को दिया गया है। इस मामले की सुनवाई जारी रहेगी । पटना हाई कोर्ट में एनएच से जुड़े मामलों की सुनवाई लगातार हो रही है। एक दिन पहले ही कोर्ट ने दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड के निर्माण की हर बाधा एक सप्ताह के अंदर दूर करने का निर्देश मुख्य सचिव को दिया था।