दारोगा बहाली परीक्षा में हुई थी धांधली, पटना HC ने मुख्य परीक्षा का रिजल्ट किया रद
बिहार में दारोगा बहाली की मुख्य परीक्षा का परिणाम पटना हाईकोर्ट ने रद कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने नए सिरे से परिणाम जारी करने का आदेश दिया है।
By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 02:53 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 08:54 AM (IST)
पटना [जेएनएन]। दारोगा नियुक्ति के लिए आयोजित मुख्य परीक्षा में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने रिजल्ट को रद कर दिया है। कोर्ट ने बिहार पुलिस अवर सेवा भर्ती आयोग को नए सिरे से मुख्य परीक्षा का परिणाम प्रकाशित करने का आदेश दिया।
न्यायाधीश शिवजी पांडेय की अदालत ने बुधवार को रमेश कुमार और अन्य की दर्जनों याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आरोप को सही पाया । कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि परीक्षा के रिजल्ट निकालने में गड़बड़ी की गई। नियमों का पालन नहीं किया गया। इसलिए अब यह आवश्यक हो गया कि मुख्य परीक्षा के रिजल्ट को 'रिकास्ट' किया जाये अर्थात जो पहले रिजल्ट निकाले गए हैं, वह मान्य नहीं है । बताते चलें की मुख्य परीक्षा में 10,161 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था । इन्ही में से इंटरव्यू के आधार पर 1,717 अभ्यर्थियों का चयन किया जाना था ।
नए सिरे से रिजल्ट निकालने हेतु इन बातों का रखना होगा ध्यान :-
- प्रश्नपत्र का मॉडल और उत्तर पुस्तिका को वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। फिर अभ्यर्थियों से आपत्ति दर्ज करने का मौका देना होगा ।
- आपत्ति आने के बाद एक्सपर्ट कमिटी गठित कर मॉडल उत्तर पर आधारित आपत्तियों का निराकरण करना होगा ।
-ऑब्जेक्शन के निराकरण के बाद मेरिट लिस्ट, आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए पारदर्शी तरीके से वेबसाइट पर डालना होगा ।
- आरक्षण का आधार क्या है ? आरक्षित कोटि के अभ्यर्थियों को किस प्रकार से कट ऑफ माकर््स दिए गए हैं इसकी भी जानकारी देनी होगी ।
- महिला उम्मीदवारों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार मानदंड निर्धारित करना होगा :
- बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग को यह भी देखना होगा कि यदि कोई अभ्यर्थी उत्तर पुस्तिका (ओएमआर सीट की प्रतिलिपि सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त करना चाहता है तो उसे मुहैया करानी होगी ।
अधिवक्ता चक्रपाणि सहित अनेक वकीलों ने आरोप लगाया था कि मुख्य परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई । महिला कोटे की सीट पुरुषों को आवंटित कर दिया गया। रोस्टर एवं आरक्षण का पालन नहीं किया गया । अभ्यर्थियों द्वारा आरटीआइ के माध्यम से उत्तर पुस्तिका मांगे जाने पर नहीं उपलब्ध कराई गई । मालूम हो कि पांच सितम्बर को हाई कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दिया था।
-22 जुलाई 2018 को हुई थी मुख्य परीक्षा
- 29,359 हुए थे शामिल
-10,161 मुख्य परीक्षा में हुए थे सफल घोषित
- करीब 200 अभ्यर्थियों ने दायर की थी याचिका।
न्यायाधीश शिवजी पांडेय की अदालत ने बुधवार को रमेश कुमार और अन्य की दर्जनों याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आरोप को सही पाया । कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि परीक्षा के रिजल्ट निकालने में गड़बड़ी की गई। नियमों का पालन नहीं किया गया। इसलिए अब यह आवश्यक हो गया कि मुख्य परीक्षा के रिजल्ट को 'रिकास्ट' किया जाये अर्थात जो पहले रिजल्ट निकाले गए हैं, वह मान्य नहीं है । बताते चलें की मुख्य परीक्षा में 10,161 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था । इन्ही में से इंटरव्यू के आधार पर 1,717 अभ्यर्थियों का चयन किया जाना था ।
नए सिरे से रिजल्ट निकालने हेतु इन बातों का रखना होगा ध्यान :-
- प्रश्नपत्र का मॉडल और उत्तर पुस्तिका को वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। फिर अभ्यर्थियों से आपत्ति दर्ज करने का मौका देना होगा ।
- आपत्ति आने के बाद एक्सपर्ट कमिटी गठित कर मॉडल उत्तर पर आधारित आपत्तियों का निराकरण करना होगा ।
-ऑब्जेक्शन के निराकरण के बाद मेरिट लिस्ट, आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए पारदर्शी तरीके से वेबसाइट पर डालना होगा ।
- आरक्षण का आधार क्या है ? आरक्षित कोटि के अभ्यर्थियों को किस प्रकार से कट ऑफ माकर््स दिए गए हैं इसकी भी जानकारी देनी होगी ।
- महिला उम्मीदवारों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार मानदंड निर्धारित करना होगा :
- बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग को यह भी देखना होगा कि यदि कोई अभ्यर्थी उत्तर पुस्तिका (ओएमआर सीट की प्रतिलिपि सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त करना चाहता है तो उसे मुहैया करानी होगी ।
अधिवक्ता चक्रपाणि सहित अनेक वकीलों ने आरोप लगाया था कि मुख्य परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई । महिला कोटे की सीट पुरुषों को आवंटित कर दिया गया। रोस्टर एवं आरक्षण का पालन नहीं किया गया । अभ्यर्थियों द्वारा आरटीआइ के माध्यम से उत्तर पुस्तिका मांगे जाने पर नहीं उपलब्ध कराई गई । मालूम हो कि पांच सितम्बर को हाई कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दिया था।
-22 जुलाई 2018 को हुई थी मुख्य परीक्षा
- 29,359 हुए थे शामिल
-10,161 मुख्य परीक्षा में हुए थे सफल घोषित
- करीब 200 अभ्यर्थियों ने दायर की थी याचिका।
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