निशाने पर नई सरकार: हाईकोर्ट में RJD की याचिका मंजूर, 31 को होगी सुनवाई
राजद ने बिहार की जदयू और एनडीए के गठबंधन की सरकार को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी है। राजद की दायर याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और इसकी सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
पटना [राज्य ब्यूरो]। सर्वाधिक विधायकों की पार्टी (राजद) के रहते राज्यपाल द्वारा जदयू एवं भाजपा के गठबंधन वाली पार्टी को सरकार बनाने का आमंत्रण दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर पटना हाईकोर्ट सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दो अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करने के लिए 31 जुलाई की तारीख निर्धारित की है।
पहली याचिका बड़हरा के राष्ट्रीय जनता दल विधायक सरोज यादव व अन्य ने दायर की है जबकि दूसरी याचिका नौबतपुर के समाजवादी नेता जितेन्द्र कुमार ने दायर की है।
याचिकाकर्ता ने राज्यपाल के फैसले पर हैरानी जाहिर कर कहा है कि नियमत: सबसे पहले राजद को सरकार बनाने का न्योता दिया जाना चाहिए था। लेकिन अफरातफरी में नीतीश कुमार को आमंत्रित कर लिया गया। ऐसा कर राज्यपाल ने गैर संवैधानिक कार्य किया।
इस तरह की राजनीति से पूरे देश में गलत संदेश जाएगा। याचिका में एसआर बोमई केस का हवाला दिया गया है। जब ऐसी स्थिति बनती है तो राज्यपाल एवं केन्द्र सरकार को क्या करना चाहिए। साथ साथ सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में रामेश्वर प्रसाद एवं भारत सरकार के मामले में भी व्यवस्था दी थी कि अधिक विधायक वाली पार्टी को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया जाना चाहिए।
उसके इंकार करने पर ही दूसरी बड़ी पार्टी को मौका देना चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील जगन्नाथ सिंह ने बताया कि पूरा घटना क्रम गैर संवैधानिक तरीके से हुआ। इसमें हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए।
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दूसरी ओर अधिवक्ता दिनेश कुमार खुरपीवाला ने दायर याचिका में कहा है कि पहले तेजस्वी यादव को सरकार बनाने के लिए बुलाया जाना चाहिए था। क्योंकि राजद बड़ी पार्टी थी। ऐसा नहीं कर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 163,164 एवं अनुच्छेद 174 का खुला उल्लंघन किया गया।है।
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