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पटना के इंजीनियर का आइडिया दे रहा राष्ट्रीय स्तर पर पहचान- अब पानी बचाने को मोबाइल पर बजेगी घंटी

पटना के अंशु शेखर ने जल संरक्षण के लिए ऐसे किफायती उपकरण बनाए हैं जो मोटर से पानी की टंकी फुल होने की जानकारी मोबाइल पर दे देते हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 08:20 AM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 08:20 AM (IST)
पटना के इंजीनियर का आइडिया दे रहा राष्ट्रीय स्तर पर पहचान- अब पानी बचाने को मोबाइल पर बजेगी घंटी
पटना के इंजीनियर का आइडिया दे रहा राष्ट्रीय स्तर पर पहचान- अब पानी बचाने को मोबाइल पर बजेगी घंटी

नलिनी रंजन, पटना। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान दिमाग में आया बेहतर आइडिया आपको देश-दुनिया में पहचान और रोजगार में मुकाम दिला सकता है। राजधानी पटना में पाटलिपुत्र कॉलोनी के कंचनपुरी मोहल्ले के अंशु शेखर ने जल संरक्षण के लिए ऐसे किफायती उपकरण बनाए हैं जो मोटर से पानी की टंकी फुल होने की जानकारी मोबाइल पर दे देते हैं, स्वत: मोटर को बंद और पानी कम होने पर चालू भी कर देते हैं। इस आइडिया को सलाम करते हुए राज्य सरकार ने उसके स्टार्ट अप के लिए दस लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराई है। 

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घर में ओवरफ्लो पानी देख आया आइडिया

इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन में बीटेक अंशु ने फाइनल ईयर में प्रोजेक्ट के दौरान अपने आइडिया से जो स्टार्टअप खड़ा किया, वह कई राज्यों में विस्तार पा रहा है। अंशु ने बताया कि घर व कॉलेज में पानी की टंकी को ओवरफ्लो करते हुए देख पानी की बर्बादी रोकने का आइडिया दिमाग में आया। इंटरनेट ऑफ थिंक (आइओटी) आधारित पंप कंट्रोलर बनाने की सोची। फाइनल इयर के प्रोजेक्ट के रूप में इसे तैयार किया, जो पानी की बर्बादी को रोकने में सार्थक साबित हुआ। पढ़ाई खत्म कर 2016 में अपने दोस्त कुमार नीरज के साथ मिलकर शेखर टेली सिस्टम के नाम से स्टार्टअप शुरू किया। एनआइटी पटना के इंक्यूबेशन सेंटर से आइडिया को सरकार की स्वीकृति के लिए भेजा गया। स्वीकृत होने के बाद 10 लाख रुपये की सीड मनी (सहायता) उपलब्ध कराई गई। इस पैसे को कंपनी ने प्रोमोशन एवं रिसर्च में खर्च किया।

टंकी में पानी फुल होते ही मोबाइल पर घंटी

अंशु बताते हैं कि उन्होंने एम्स, एनआइटी पटना के साथ सेंट्रल यूनिवॢसटी, रांची में जल संरक्षण को लेकर ऑटोमेशन कार्य पूरा किया। आज मेरे आइटी बेस्ड उपकरण के कारण मोटर के जरिए टंकी का पानी फुल होने की जानकारी तुरंत मोबाइल पर मिल जाती है। इसके साथ ही मोटर स्वत: बंद हो जाती है तथा पानी कम होने पर स्वत: चालू हो जाती है। वे बताते हैं कि सिर्फ पटना के 700 घरों को इसका लाभ मिल रहा है। कटिहार, पूॢणया, नवादा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर आदि जिलों में भी विस्तार कर रहे हैं। उड़ीसा में प्रोजेक्ट के लिए 22 लाख की ग्रांट मंजूर की गई है। जल्द ही वहां भी एक परियोजना शुरू की जाएगी।


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