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Bihar Election Scam: तीन करोड़ खर्च के लिए 42 करोड़ का बिल, बिहार विधानसभा चुनाव में बड़े घोटाले की साजिश बेपर्दा

Bihar Election Scam बिहार विधानसभा चुनाव में बड़े घोटाले की साजिश का पर्दाफाश हो गया है। बाइक के नंबर पर आया डीजल का बिल 20 हजार के खर्चे के लिए 20 लाख रुपये का बिल तैयार किया। पटना डीएम की सख्‍ती के बाद सामने आया पूरा मामला।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 09:30 AM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 10:01 AM (IST)
Bihar Election Scam: तीन करोड़ खर्च के लिए 42 करोड़ का बिल, बिहार विधानसभा चुनाव में बड़े घोटाले की साजिश बेपर्दा
बिहार विधानसभा चुनाव में खर्च के नाम पर बड़े घोटाले की साजिश। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण टीम। Big Scam in Bihar Vidhansabha Chunav 2020: बिहार ही नहीं देश के दूसरे राज्‍यों में भी चुनाव को प्रशासनिक अधिकारी और ठीकेदार मोटी कमाई का मौका मानते हैं। लेकिन, सरकार की सख्‍ती और पटना के तत्‍कालीन डीएम कुमार रवि और मौजूदा डीएम चंद्रशेखर सिंह की तत्‍परता से पटना में करीब करीब 38 करोड़ रुपये का घोटाला होने से बच गया। यह राशि बहुत अधिक नहीं है, लेकिन यह घोटाला बहुत बड़ा होने वाला था। इसे आप ऐसे समझें कि डीएम की सख्‍ती के बाद चुनाव खर्च का बिल 42 करोड़ रुपये से घटकर सीधे साढ़े तीन करोड़ रुपये पर आ गया। यानी घोटालेबाजों ने चुनाव के नाम पर खर्च राशि का 10 गुना सरकार के बजट यानी आम आदमी के टैक्‍स के पैसों से लूटने की साजिश रची थी।

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विधानसभा तक गूंजा चुनाव खर्च में घोटाले का मामला

बिहार विधानसभा चुनाव में खर्च हुई राशि का भुगतान किसी भी जिले में बगैर पूरी जांच के नहीं होगा। संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने सोमवार को प्रश्नकाल में राजद के ललित यादव के प्रश्न के जवाब में यह बात कही। ललित यादव का यह प्रश्न था कि पटना जिले से संबंधित एक मामले में बिहार विधानसभा चुनाव के समय अधिग्रहित किए एक दोपहिया वाहन के लिए कई सौ लीटर डीजल का बिल लिया गया।

सरकार ने कहा- बिना जांच के एक पैसा भी भुगतान नहीं

संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि यह लिपिकीय भूल का मामला है। कार्यालय के स्तर पर ही यह मामला पकड़ में आ गया। दरअसल बीआर-21डी की जगह गाड़ी का नंबर बीआर-21 जी लिखा गया जो दोपहिया का नंबर है। इसकी गहराई से जांच की गई है। सरकार ने स्वयं जांच कराई है। अभी तक किसी को भी इस मद में एक पैसे का भुगतान नहीं हुआ है। जांच में पूरी तरह से सही पाए जाने पर ही भुगतान होगा। सभी जिलों के लिए यह निर्देश जारी किया गया है।

20 हजार के खर्च के लिए दिया 20 लाख रुपये का बिल

पटना जिले में घोटालेबाजों ने 120 वर्गफीट के एक कमरे में कुर्सियां, एसी और लाउडस्‍पीकर जैसी चीजें लगाने के लिए 20 लाख का विपत्र तैयार किया था। सही तरीके से जांच हुई तो यह बिल 20 हजार रुपये में ही सिमट गया। यह बिल उन स्‍थानों के लिए तैयार किया गया था, जहां चुनाव में आए सुरक्षा बलों को ठहराया गया था। कई वैसी जगह से भी बिल भेज दिया गया, जहां सुरक्षा बलाें को ठहराया ही नहीं गया था। पटना डीएम का कहना है कि पूरे मामले की सघन जांच हाे रही है। दोषी लोगों को बख्‍शा नहीं जाएगा।


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