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शर्मनाक: पटना में 20 घंटे पत्‍नी और बेटी के शव के साथ रहा बुजुर्ग, तीन बेटों में कोई नहीं आया

आसपास के लोग सांत्वना देने के बजाय घरों में ताला बंदकर रिश्तेदारों के घर चले गए। 20 घंटे शव के साथ बुजुर्ग राजेंद्र प्रसाद अपनी पत्नी चिंतामणि देवी और बेटी वंदना देवी के शव के साथ इस इंतजार में रहे कि कोई पड़ोसी या रिश्तेदार शव को कंधा देने पहुंचेगा।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 11:15 AM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 11:15 AM (IST)
शर्मनाक: पटना में 20 घंटे पत्‍नी और बेटी के शव के साथ रहा बुजुर्ग, तीन बेटों में कोई नहीं आया
पटना की यह घटना हैरान करने वाली। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

फुलवारीशरीफ (पटना), जागरण संवाददाता। Bihar Coronavirus Update News: कोरोना के खौफ ने समाज को कितना अमानवीय बना दिया है, इसका एक बड़ा उदाहरण शनिवार को पटना में देखने को मिला। बेउर की हुलास विहार कॉलोनी में एक मां-बेटी की शुक्रवार को ही मौत हो गई, लेकिन उनके शव को कंधा देने के लिए चार लोग नहीं मिले। मां और बेटी की मौत घर में ही हो गई, लेकिन आसपास से कोई हाल पूछने तक नहीं आया। उल्‍टे जिसको यह खबर पता चली, उसने अपने घर का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। तीन बेटों को इसकी खबर दी गई, लेकिन उनमें से कोई भी अपनी मां और बहन के अंतिम संस्‍कार के लिए नहीं पहुंचा।

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डायल 100 पर कॉल करने के बाद मिली मदद

परिवार के मुखिया और घर में मौजूद एक मात्र शख्‍स बुजर्ग राजेंद्र प्रसाद ने जब जान लिया कि कोई उनकी मदद को आने वाला नहीं है तो उन्‍होंने आपातकालीन सहायता के लिए डायल 100 से संपर्क किया। इसके बाद स्‍थानीय थानेदार एंबुलेंस लेकर पीड़‍ित परिवार के घर पहुंचे।

20 घंटे पत्‍नी और बेटी के शव के साथ घर में रहे बुजुर्ग

दरअसल मां-बेटी दोनों की एक साथ मौत होने के बाद लोगों में चर्चा फैल गई कि उन्‍हें कोरोना हुआ था। इसके बाद तो आसपास के लोग सांत्वना देने के बजाय अपने घरों में ताला बंदकर रिश्तेदारों के घर चले गए। 20 घंटे तक शव के साथ बुजुर्ग राजेंद्र प्रसाद अपनी पत्नी चिंतामणि देवी (70) और बेटी वंदना देवी (35) के शव के साथ इस इंतजार में रहे कि कोई पड़ोसी या रिश्तेदार शव को कंधा देने पहुंचेगा।

पड़ोस के लोग बोले, घर के बाहर से ही लौट गया बेटा

घर में बुजुर्ग के अलावा 11 वर्षीय नाती था, जिसका रो-रोकर बुरा हाल था। राजेंद्र सिंह ने अपने तीन बेटों को भी मां-बहन की मौत की सूचना दी। स्थानीय लोगों के अनुसार एक बेटा भी पहुंचा था, लेकिन वह मां का शव देखने के बजाय बाहर से लौट गया। आखिरकार बुजुर्ग ने इसकी सूचना डायल-100 पर दी, तब स्थानीय थानेदार एंबुलेंस लेकर पहुंचे। बुजुर्ग व मासूम ने शव को उठाकर एंबुलेंस में रखा और कोरोना गाइडलाइन के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया।


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