कहीं आपके बेटे का दोस्त भी ऐसा नहीं, रामबाबू के साथ हुआ हादसा हर अभिभावक के लिए सबक
रामबाबू के हत्यारे दोस्त ने सट्टा में हारे रुपये चुकता करने को बनाई थी फिरौती की योजना रामबाबू के पिता के सेवानिवृत्त होने पर मिले रुपये पर थी नवनीत की नजर आठ जनवरी से बना रहा था अपहरण की योजना
पटना, जागरण संवाददाता। पटना के युवा जिस तरह गलत रास्ते पर बढ़ रहे हैं, यह बेहद जरूरी है कि आप भी अपले लाडले पर पूरी नजर रखें। उसके दाेस्तों पर नजर रखें। मौजूदा दौर में बेहतर तो यह होगा कि अपने लाडले का बेस्ट फ्रेंड खुद बनें, ताकि अपनी हर खास बात वह बेधड़क आपसे शेयर कर सके। ऐसा क्यों, यह नीचे की कहानी आपको बता देगी।
दोस्त को पता था रामबाबू के पिता के पास हैं काफी रुपये
पुनाईचक निवासी रामबाबू की हत्या का मुख्य आरोपित नवनीत सट्टे में करीब डेढ़ लाख रुपये हार चुका था। हारे हुए रुपये चुकाने के लिए ही उसने फिरौती के लिए रामबाबू के अपहरण की योजना बनाई थी। उसे यह खबर थी कि रामबाबू के पिता सेवानिवृत्त हुए हैं। उनके पास रुपये हैं। वह फिरौती के लिए आठ जनवरी से अपहरण की योजना बना रहा था।
पहचान उजागर होने के डर से बदल दिया इरादा, मारी गोली
योजना के मुताबिक उसने रामबाबू को विश्वास में लिया। 30 जनवरी को अपनी कार में अन्य दोस्तों के साथ सोनपुर घुमाने के बहाने लेकर गया। इस बीच रामबाबू ने जेपी सेतु से गुजरने के दौरान कुछ सेकेंड का वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर सेंड कर दिया। जब वह देर शाम तक घर नहीं लौटा तो स्वजन उसकी खोजबीन में जुट गए। इंटरनेट मीडिया पर वीडियो देख सभी को पता चल चुका था कि वह नवनीत और उसके दोस्तों के साथ सोनपुर की तरफ गया है। देर शाम तक जब रामबाबू घर नहीं लौटा तो उसका फोन नहीं लगा तो नवनीत के मोबाइल पर घरवालों का फोन आने लगा।
भेद खुलने के डर से कार में ही कर दी हत्या
नवनीत को लगा कि उसकी योजना की खबर सबको हो गई है। रामबाबू के जरिए उसकी पहचान भी उजागर हो सकती है। ऐसे में उसने अपने दोस्तों के साथ कार में ही रामबाबू के साथ लूटपाट की। फिर पीछे से सिर में गोली मारकर हत्या कर दी। उसी रात शव लेकर मोतिहारी के हरसिद्धि थाना क्षेत्र के गोविंदापुर में नहर के पास शव फेंक बेतिया स्थित घर चला गया। वारदात के समय उसके दोस्त भी साथ थे।
नवनीत के घर से मिला था रामबाबू का मोबाइल
सिटी एसपी सेंट्रल विनय तिवारी ने बताया कि एक फरवरी को शास्त्रीनगर थाने में रामबाबू के अपहरण की शिकायत दर्ज हुई। मामले में नवनीत, चंदन सहित अन्य दोस्तों को आरोपित बनाया गया। डीएसपी सचिवालय के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी। छानबीन के बाद नवनीत को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई। पहले तो उसने पुलिस को गुमराह किया, लेकिन तकनीकी अनुसंधान और फुटेज से नवनीत के बयान में काफी अंतर मिला और उस पर संदेह और गहरा हो गया।
पुलिस ने बरती सख्ती हो उगल दी पूरी कहानी
सख्ती से पूछताछ के बाद उसने पूरी कहनी बयान किया। तब पुलिस हरसिऋि थाना पुलिस से संपर्क की। पता चला कि एक फरवरी को नहर के पास अज्ञात शव मिला। मामले में दो फरवरी को अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज हुआ। पुलिस वहां पहुंची और रामबाबू की तस्वीर से शव की शिनाख्त की। फिर पुलिस नवनीत के बेतिया स्थित घर पहुंची। वहां से रामबाबू का मोबाइल फोन, सोने की चेन, चांदी का ब्रेसलेट और हत्या में इस्तेमाल पिस्टल, कार बरामद की।