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पटना में पूर्व मंत्री की एजेंसी से लूट की घटना ने दी बड़ी सीख, अगली बार स्‍टाफ रखें तो पूरी तरह सोच-समझकर

बड़े व्‍यवसायी अक्‍सर अपने स्‍टाफ के तौर पर दबंग लोगों को चुनते हैं जो उनका कारोबार संभाल सके। कई बार दबंग की तलाश अपराधी तक पहुंचा देती है। ऐसी स्‍थ‍िति खुद के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 09:43 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 09:43 AM (IST)
पटना में पूर्व मंत्री की एजेंसी से लूट की घटना ने दी बड़ी सीख, अगली बार स्‍टाफ रखें तो पूरी तरह सोच-समझकर
पटना में हुई लूट की वारदात का पर्दाफाश। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। बड़े व्‍यवसायी अक्‍सर अपने स्‍टाफ के तौर पर दबंग लोगों को चुनते हैं, जो उनका कारोबार संभाल सके। कई बार दबंग की तलाश अपराधी तक पहुंचा देती है। ऐसी स्‍थ‍िति खुद के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। अटल पथ पर पूर्व मंत्री वीणा शाही के स्टाफ से दिनदहाड़े 41.41 लाख लूट की घटना की सीख तो यही है। दरअसल, पुलिस के मुताबिक इस वारदात की साजिश स्टाफ और चालक ने ही रची थी। मैनेजर संजीव कुमार ही लूट का मास्टरमाइंड निकला और चालक चंदन ने उसका साथ दिया। संजीव 2018 में आर्म्‍स एक्ट में जेल जा चुका है। जेल जाने के दौरान उसकी एक अपराधी से दोस्ती हो गई थी। उसके जरिए लुटेरों का गैंग तैयार किया जिसमें कुख्यात सुजीत को शामिल किया था। संजीव के इशारे पर ही गिरोह ने पूरी योजना बनाई। उसके बाद पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के अटल पथ पर कार से दिनदहाड़े कैश से भरा बैग लूटा गया।

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एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि मुजफ्फरपुर के पारू निवासी संजीव, वैशाली के लालगंज निवासी चंदन, दीघा निवासी सुजीत कुमार, पाटलिपुत्र के रवि कुमार, मनेर के तन्नू पाल और रामकृष्णा नगर के दिलीप कुमार को पाटलिपुत्र इंडस्ट्रियल एरिया से गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके पास से 18.60 लाख नकद, लूट की रकम से खरीदा गया मोबाइल, वारदात में इस्तेमाल देसी पिस्टल, पांच कारतूस, दोनों बाइक और उस समय पहने कपड़े बरामद किए गए हैं। लूट की बाकी रकम एक अन्य अपराधी के पास है, जिसकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।

पुलिस को संजीव और चंदन पर था संदेह

एसएसपी ने बताया चंदन, संजीव और अनुमय पूर्व मंत्री के मां जानकी ट्रांसपोर्ट एवं शाही तिरुपति एजेंसी के स्टाफ हैं। तीनों कई वर्षों से काम कर रहे हैं। तीनों पाटलिपुत्र कालोनी स्थित आफिस से कलेक्शन के रुपये लेकर निजी कार से आर ब्लाक स्थित बैंक में जमा करने जाते थे। वारदात के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। तीनों का बयान लिया गया। पता चला कि दो बाइक सवार पहले से अटल पथ इंद्रपुरी रोड दस के सामने सर्विस लेन पर खड़े थे। उन्होंने कार से बाइक में टक्कर मारने के नाम पर कार रोकने का इशारा किया और पिस्टल दिखाकर कैश लूटकर फरार हो गए। पुलिस तीनों को डिटेन कर थाने लेकर आई। काफी देर तक पूछताछ हुई और अनुमय के बयान पर केस दर्ज हुआ। चंदन और संजीव पर संदेह था। दोनों की कुंडली खंगाली गई तो पता चला कि संजीव फरवरी 2018 में जक्कनपुर से आर्म्‍स एक्ट में जेल जा चुका है।

पुलिस को पता चला कि तीनों स्टाफ के रहने के लिए पाटलिपुत्र में ही किराये का दो फ्लैट दिया गया था। पुलिस संजीव की हर गतिविधि पर नजर रख रही थी। 10 दिन बाद 25 नवंबर को संजीव और तन्नू ने एक-दूसरे से संपर्क किया। दोनों के बीच लूट की रकम में हिस्सेदारी की बात होने लगी। तन्नू ने लाइनर की भूमिका निभाई थी और संजीव उसे इस काम के लिए 50 हजार दे चुका था। संजीव सहित छह अपराधियों के बीच साढ़े छह-छह लाख का हिस्सा लगना था। सभी शुक्रवार की रात पाटलिपुत्र इंडस्ट्रीयल एरिया में जुटने वाले हैं। पुलिस ने पहले से वहां घेराबंदी कर रखी थी। जैसे ही संजीव सहित छह अपराधी पहुंचे पुलिस ने सभी को दबोच लिया। उनके पास से लूट के 18.60 लाख कैश भी बरामद हुए। पूछताछ में संजीव ने बताया कि बाकी की रकम मुकेश और उसके दूसरे साथी के पास हैं।


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