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गांव के ही अस्‍पताल में पटना के बड़े डॉक्‍टरों से करा सकेंगे इलाज, 26 से होगा सेवा का शुभारंभ

बिहार में 26 जनवरी से शुरू होगा चिकित्सा-चिकित्सक आपके द्वार कार्यक्रम संजीवनी सेवा के तहत टेली मेडिसिन की सुविधा का होगा शुभारंभ संपतचक और पुनपुन प्रखंड में एएनएम को किया गया प्रशिक्षित गांव में ही बेहतर इलाज की मिलेगी सुविधा

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 06:37 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 06:37 AM (IST)
गांव के ही अस्‍पताल में पटना के बड़े डॉक्‍टरों से करा सकेंगे इलाज, 26 से होगा सेवा का शुभारंभ
बिहार में स्‍वास्‍थ्‍य सेवा को बेहतर करने का प्रयास। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Health Facilities in Patna: राजधानी समेत प्रदेश के तमाम जिलों के गांवों तक में रहने वालों को अब आसपास के नजदीकी अस्पताल में ही विशेषज्ञ डॉक्टरों का उपचार मिल सकेगा। इसके लिए संजीवनी सेवा के तहत टेलीमेडिसिन सेवा का शुभारंभ 26 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। इसकी तैयारियों के तहत सोमवार को राजधानी के संपतचक और पुनपुन प्रखंड के अस्पतालों की एएनएम को प्रशिक्षण देने के साथ आवश्यक टैक, फोन जी सिम व अन्य आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए गए।

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क्या चल रहीं तैयारियां

शुरुआती दौर में एएनएम अपने टैब के माध्यम से नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और रेफरल अस्पताल में बैठे डॉक्टरों के परामर्श पर रोगी को आवश्यक दवाएं और अन्य परामर्श देंगी। फिलहाल ये सेवा ओपीडी के समय ही उपलब्ध रहेगी। प्रदेश के सभी नौ मेडिकल काॅलेजों को इसका हब बनाया जाएगा। वहां एक सेंटर होगा जहां विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे और रोगियों को परामर्श देंगे।

क्या है योजना

टेलीमेडिसिन संजीवनी सेवा का राज्य में इतिहास करीब दस वर्ष पुराना है। वर्ष 2012 में पीएमसीएच में टेलीमेडिसिन का एक केंद्र बनाया गया था। हालांकि, कुछ ही माह में वह बंद हो गई। इसके बाद एम्स पटना के पूर्व निदेशक डॉ. जीके सिंह ने इसकी शुरुआत की लेकिन वह भी अपने लक्ष्य में सफल नहीं हो सकी। दो वर्ष पूर्व बक्सर सदर अस्पताल को पटना एम्स से जोडा गया।

पुराने अनुभवों को देखते हुए इस बार सरकार सुनियोजित ढंग से इसकी शुरुआत कर रही है। पहले एएनएम को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्हें टैब पर फोर जी इंटरनेट स्पीड मुहैया कराई जा रही है। एएनएम टैब को इलाज के सिवाय को अन्य इस्तेमाल नहीं कर सकें इसलिए उसे सर्वर से नियंत्रित किया जाएगा। शुरुआत में रोगियों की समस्याओं को समाधान नजदीकी अस्पतालों में बैठे डॉक्टर के परामर्श पर एएनएम ही करेंगी। इसके बाद यदि जरूरत हुई तो उन्हें अस्पताल भेजकर आवश्यक जांच कराई जाएंगी। यदि रेफर करने की जरूरत हुई तो वहां के डॉक्टर सारी रिपोर्ट वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए वहां के डॉक्टरों को भेजकर समाधान प्राप्त करेंगे। इसके बाद यदि मल्टी सुपरस्पेशियलिटी इलाज की जरूरत हुई तो मेडिकल कॉलेज या अन्य अस्पतालों के विशेषज्ञों से बात कर इलाज किया जाएगा।

क्या होगा फायदा

घर बैठे बहुत से रोगों का समाधान हो सकेगा। अन्य छोटे-छोटे रोगों का इलाज नजदीकी अस्पताल में और मेडिसिन से ठीक होने वाले अन्य जटिल रोगों का उपचार रेफरल अस्पताल में हो सकेगा। इससे मेडिकल कॉलेजों में केवल वही रोगी पहुंचेंगे जिन्हें वास्तव में वहां आने की जरूरत होगी। इससे मेडिकल कॉलेजों में इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा और शोध कार्य किए जा सकेंगे।


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