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पटना ब्लास्टः मलबा उड़कर दूर-दूर तक के मकानों की छत से लेकर सड़क तक फैला, सहमे रहे लोग

पटना में हुए ब्लास्ट की गूंज दूर-दराज के इलाके तक गूंजी। घटना के बाद दहशत इतनी थी कि काफी देर लोग समझ ही नहीं पाए कि हुआ क्या है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 08:06 AM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 08:06 AM (IST)
पटना ब्लास्टः मलबा उड़कर दूर-दूर तक के मकानों की छत से लेकर सड़क तक फैला, सहमे रहे लोग
पटना ब्लास्टः मलबा उड़कर दूर-दूर तक के मकानों की छत से लेकर सड़क तक फैला, सहमे रहे लोग

पटना, जेएनएन। राजधानी में सोमवार की सुबह सालिमपुर अहरा में हुए धमाके ने दहशत मचा दी। ब्लास्ट की गूंज घटना स्थल से करीब 300 मीटर तक सुनाई दी। धमाका इतना जबरदस्त था कि मकान का मलबा उड़कर दूर-दूर तक मकानों की छत से लेकर सड़क तक जा गिरा। जोरदार आवाज सुनने के बाद लोग इतने सहम गए कि काफी देर तक घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हुई।

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सदमे में पूरा परिवार, घर में थी बीमार बच्ची

अर्जुन साव के मकान के पीछे डॉ. अनिल कुमार सिन्हा का मकान है। इनके मकान के पहली मंजिल पर आशियाना रोड पर स्थित कार के शोरूम में मैनेजर एसके सिंह रहते हैं। वे आरा के मूल निवासी हैं। वह दूसरे कमरे में सोए हुए थे, जबकि बाहर के कमरे में उनकी 15 साल की बेटी मनीषा सिंह और पत्नी बबिता सिंह मौजूद थी। बेटा अनीष सिंह पेपर पढ़ रहा था। मनीषा कई सालों से बीमार है और उसे ऑक्सीजन दिया जा रहा था। तभी जोरदार धमाका हुआ। लोहे का गेट क्षतिग्रस्त हो गया। खिड़की टूट गई और अर्जुन साव के मकान की दीवार की ईंट उनके कमरे और सीढ़ी पर बिखर गई।

20 मिनट तक दुबका रहा परिवार

अर्जुन को लगा की पास में ही कहीं बम गिर गया हो। 20 मिनट तक पूरा परिसर दुबका रहा। कुछ समझ नहीं आ रहा था कि हुआ क्या है। थोड़ी देर बाद बाहर से लोगों की आवाज सुनकर खिड़की की तरफ से झांका ता देखा कि सामने वाले मकान में रहने वाले लोग झुलसे हुए हैं। कमरे में धुआं उठ रहा है। इस घटना के बाद से पूरा परिवार सहमा है।

150 मीटर दूरी पर खड़े लड़के दौड़े, तोड़ा गेट का ताला

घटनास्थल से करीब डेढ़ सौ मीटर दूर चाय की दुकान पर रोहित कुमार और उनके तीन दोस्त खड़े थे। सुबह साढ़े सात बजे से चारों वहीं चाय पी रहे थे। रोहित ने बताया कि अचानक एक तेज धमाका हुआ। सामने कुछ दूरी पर एक मकान से धुआं उठ रहा था। वह दौड़कर नाले के रास्ते अपने तीनों दोस्तों के साथ अजुर्न साव के मकान तक पहुंचे। देखा कि गेट पर ताला लगा है। सीढ़ी पर तीसरे फ्लोर पर रहने वाले तारकेश्वर पांडेय जख्मी हालत में कराह रहे थे। सिर में खून निकल रहा था और कपड़े भी फटे थे। रोहित और उनके तीनों दोस्तों ने गेट का ताला तोड़ा। तब तक अन्य लोग भी घायलों की मदद के लिए पहुंच चुके थे।

इलाके में दिन भर होती रही बम विस्फोट की चर्चा

मुहल्ले में रहने वाली सुनीता, संतोष और मनोज ने बताया कि वह सो रहे थे। धमाके से नींद खुल गई। तीनों दो मकान छोड़कर तीसरे घर में किराएदार हैं। आंख खुली तो देखा कि खिड़की का कांच टूटा है। कुछ समझ में नहीं आया। संतोष ने बताया कि दस मिनट तक मुहल्ले में सन्नाटा छाया रहा। फिर जब घर से बाहर आए तो अर्जुन साव के घर के बाहर से लेकर सड़क और गलियों में लोगों की भीड़ जुटी थी। सुबह से शाम तक लोग समझ नहीं पा रहे थे कि धमाका हुआ कैसे? लोगों में चर्चा थी कि जिस तरह मकान क्षतिग्रस्त हुआ और धमाका था ऐसा लगा जैसे बम विस्फोट हुआ है।


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