सत्ता संग्राम: मुंगेर में आसान नहीं राह, बड़ा सवाल: कौन होगा NDA उम्मीदवार
मुंगेर संसदीय सीट पर बीते चुनाव के दो महारथी राजग में ताल ठोकते नजर आ रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि राजग से कौन उम्मीदवार होगा?
पटना [अरविंद शर्मा]। प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिन्हा की जन्म-कर्मभूमि मुंगेर संसदीय क्षेत्र में 2014 के लोकसभा चुनाव के तीन मुख्य महारथियों में वर्तमान सांसद एवं लोजपा नेता वीणा देवी मुखर-प्रखर हैं। जदयू के राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह शांत हैं और राजद के प्रगति मेहता ने पाला बदलकर खुद को जदयू की ओट में खड़ा कर लिया है।
पिछली बार प्रत्याशी तो 17 थे, किंतु मुख्य मुकाबले के दो महारथी 2019 के चुनाव के लिए भी खुद को तैयार कर रहे हैं। दाव-पेंच शुरू हो चुका है। जदयू से भाजपा की नई दोस्ती के बाद मुंगेर में ललन सिंह की दावेदारी है। मुंगेर से ही चुनाव लडऩे के वीणा के एलान के बाद कांग्रेस और राजद की आंखें चमक गई हैं। अब देखना यह है कि राजग से कौन उम्मीदवार होता है- वीणा या ललन?
इनमें है मुकाबला
मोदी लहर में एक लाख से अधिक वोटों से जीतने वाली वीणा की राह अबकी रामविलास पासवान की चुप्पी के कारण मुश्किल मोड़ पर है। प्रगति मेहता ने दल बदलकर मुंगेर में जदयू की ताकत में इजाफा कर दिया है।
प्रतिद्वंद्वी राजद के पास कोई दमदार उम्मीदवार नहीं है। पूर्व विधान पार्षद रामबदन राय हवा जरूर बना रहे हैं, किंतु लगातार कई चुनाव हारने वाले प्रत्याशी पर लालू शायद ही दांव लगाना पसंद करें। राजद सांसद जय प्रकाश नारायण यादव के छोटे भाई विजय प्रकाश का नाम भी चलाया जा रहा है, लेकिन दरबार से अभी तक क्लीनचिट नहीं मिली है। तैयार तो हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के वृषिण पटेल भी हैं। मीडिया को बता दिया है। सक्रिय भी हो गए हैं।
कहा जा रहा है कि रामविलास पासवान अपने सबसे विश्वस्त सिपाही सूरजभान से कुट्टी के लिए तैयार नहीं हैं। डैमेज कंट्रोल की कोशिश शुरू कर दी है। उनकी इच्छा बेगूसराय या नवादा पर वीणा के लिए राजग में सहमति बनाने की है। बात बढ़ी भी है, किंतु अब तक बहुत बतंगड़ हो चुका है। सुलह की खिड़कियां भी खुलती नहीं दिख रहीं। गठबंधन की राजनीति में अगर-मगर होता रहा तो प्रगति मेहता की लॉटरी भी खुल सकती है। राजद से विजय कृष्ण के पुत्र का भी नाम आ रहा है।
अतीत की राजनीति
मुंगेर से एमपी मिश्र, बीपी सिन्हा, एलएम रामचंद्र, देवेंद्र प्रसाद यादव, कृष्णा सिंह, धनराज सिंह, ब्रह्मानंद मंडल, विजय कुमार, जयप्रकाश नारायण यादव एवं ललन सिंह चुने जाते रहे हैं। मुंगेर की पहचान महाभारत काल से है। तब इसे 'मोदागिरि' नाम से जाना जाता था और अंग प्रदेश का उपनगर था। शेरशाह के समय मुंगेर किले पठानों ने राजा टोडरमल को चार महीने बंदी बनाकर रखा था। बाद में यह मीर कासिम और अंग्रेजों के बीच लड़ाई का गवाह भी बना। 1857 में जालौन की बागी रानी को भी इसी किले में बंदी बनाकर रखा गया।
2014 के महारथी और वोट
वीणा देवी : लोजपा : 352911
ललन सिंह : जदयू : 243827
प्रगति मेहता : राजद : 182971
अशोक कुमार सिंह : शिवसेना : 50469
विधानसभा क्षेत्र
मुंगेर (राजद), सूर्यगढ़ा (राजद), जमालपुर (जदयू), लखीसराय (भाजपा), बाढ़ (भाजपा), मोकामा (निर्दलीय)