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कोहरे के कारण यात्रियों को फ्लाइट से ज्यादा ट्रेन पर भरोसा, समय से पहले पहुंच रही छुकछुक गाड़ी

बिहार में कोहरे के कारण विजिबिलिटी काफी कम रहने लगी है। ऐसे में विमानों का परिचालन पूरी तरह लड़खड़ा गया है। पटना एयरपोर्ट के बजाय दूसरे नजदीक के एयरपोर्ट पर विमान डायवर्ट किए जा रहे हैं। यात्रियों का भरोसा फ्लाइट से ज्यादा ट्रेनों पर बढ़ गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 10 Dec 2020 06:58 AM (IST)Updated: Thu, 10 Dec 2020 02:18 PM (IST)
कोहरे के कारण यात्रियों को फ्लाइट से ज्यादा ट्रेन पर भरोसा, समय से पहले पहुंच रही छुकछुक गाड़ी
बिहार में कड़ाके की ठंड के बीच घना कोहरा गिरने लगा है।

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में कड़ाके की ठंड के बीच घना कोहरा गिरने लगा है। कोहरा से विजिबिलिटी काफी कम रहने लगी है। ऐसे में विमानों का परिचालन पूरी तरह लड़खड़ा गया है। घने कोहरे के कारण विमानों को पटना एयरपोर्ट के बजाय दूसरे नजदीक के एयरपोर्ट पर डायवर्ट करना पड़ रहा है। कोहरे का आलम यह है कि दिन में 12 बजे के बाद विजिबिलिटी क्लीयर होने पर ही विमानों की लैंडिंग शुरू होती है। दिन में 10 बजे तक विजिबिलिटी 500 से 800 मीटर तक ही रहने लगी है। विमानों की लैंडिंग 1000 मीटर की विजिबिलिटी रहने पर ही हो सकती है। विमानों के लगातार विलंबित चलने व डायवर्ट किए जाने पर यात्रियों का भरोसा इन दिनों ट्रेनों पर बढ़ गया है। नतीजा यह है कि ट्रेनों में अचानक भीड़भाड़ काफी बढ़ गई है।

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पिछले चार दिनों के आंकड़ों पर गौर करें तो विमानों के परिचालन पर घने कोहरे का काफी हद तक प्रभाव देखने को मिल रहा है। पहले तो दिल्ली से ही आने वाले विमान लेट से आ रहे थे परंतु अब तो देश के किसी भी कोने से आने वाली फ्लाइट घंटों विलंब से पहुंचने लगी है। देर तो ठीक है परंतु पटना आकर हवा में ही रहने के बाद अचानक यात्रियों को वापस वाराणसी अथवा कोलकाता भेज दिया जा रहा है। जो यात्री अब यह सोचकर सीट बेल्ट खोल रहे थे कि अब बस चंद  सेकेंड में वे अपने घर की जमीन पर लेंड कर जाएंगे और अचानक उनका विमान हवा में उड़ जाता है। विमान के अंदर सूचना प्रसारित होने लगती है कि पटना एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी कम होने के कारण विमानों को लैंड नहीं कराया जा सकता है। अब विजिबिलिटी क्लीयर होने तक यात्रियों को कोलकाता एयरपोर्ट पर ही रहना होगा। यह सुनते ही यात्रियों को टेंशन होने लगता है। फिर जब से दोबारा वह अपने  घर तक नहीं पहुंच जाते हैं तब तक परेशानी बनी रहती है। 

ट्रेनों में इन दिनों उल्टा ही देखने को मिलने लगा है। पहले जो गाड़ी कोहरे के दौरान दो-दो दिन तक विलंब से पहुंचती थी अब 20 मिनट से 40 मिनट तक समय से पहले पहुंचने लगी है। यात्री रात का खाना खाकर राजधानी एक्सप्रेस में सो जाते हैं। सुबह जब नींद खुलती है तब दिल्ली पहुंचे रहते हैं। इस बार घने कोहरे में अभी तक ट्रेनें समय से पहुंच रही है जिसके कारण विमान से सफर करने वालों का विश्वास ट्रेनों पर बढ़ गया है। पिछले एक सप्ताह के आंकड़ों पर गौर करें तो राजधानी, संपूर्ण क्रांति, श्रमजीवी एक्सप्रेस, विक्रमशिला एक्सप्रेस ही नहीं पाटलिपुत्रा एलटीटी, संघमित्रा एक्स, पुणे एक्सप्रेस समेत तमाम ट्रेनों में इन दिनों प्रतीक्षा सूची लंबी रहने लगी है। किसी भी ट्रेन में इन दिनों कंफर्म टिकट नहीं उपलब्ध हो पा रहा है।


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