बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं अभिभावक
लॉकडाउन में रियायत मिलने के बाद प्रदेश के स्कूलों में पठन-पाठन 28 सितंबर से शुरू होगा
पटना।
लॉकडाउन में रियायत मिलने के बाद प्रदेश के स्कूलों में पठन-पाठन 28 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। फिलहाल केवल नौवीं और दसवीं के बच्चे मार्गदर्शन के लिए स्कूल जा सकेंगे। इसके लिए अभिभावक की सहमति जरूरी है। लेकिन स्कूलों की ओर से संपर्क किए जाने पर 90 फीसद अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से इंकार कर रहे हैं। स्कूल प्रबंधन फिलहाल बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं। कई स्कूलों में तो ऑनलाइन परीक्षा भी शुरू कर दी गई है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) के सिटी कोऑर्डिनेटर डॉ. राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि सीबीएसई से मान्यता प्राप्त अधिकांश स्कूलों के अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं। स्कूल अभिभावकों से फीडबैक मांग रहे हैं। केवल 10 फीसद अभिभावक ही बच्चे को स्कूल भेजने पर सहमत हैं।
तीन हजार बच्चों वाले स्कूल में आए केवल 15
पिछले सोमवार को कुछ स्कूलों में बच्चों को बुलाया गया था तो बहुत कम बच्चे ही आए। केंद्रीय विद्यालय बेली रोड में एक हजार से अधिक बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन मात्र 10 बच्चे ही स्कूल आ पाए। डीएवी शास्त्रीनगर में मात्र 15 बच्चे स्कूल आए, जबकि यहां पर तीन हजार बच्चे पढ़ते हैं।
शनिवार को भेजा जाएगा कंसेंट फॉर्म : केंद्रीय विद्यालय, कंकड़बाग के प्राचार्य एमके सिंह का कहना है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन की गाइडलाइन के अनुसार शनिवार को कंसेंट फॉर्म अभिभावकों को भेजा जाएगा। दो दिनों में उन्हें बताना होगा कि बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं या नहीं। फिर उसी के अनुसार कार्यक्रम तैयार किया जाएगा।
परिसर को सैनिटाइज करा रहे स्कूल प्रबंधन : राज्य सरकार के निर्देश के मुताबिक नौवीं और दसवीं के छात्र-छात्राओं के लिए 28 सितंबर से स्कूल खोले जा रहे हैं। इससे पहले स्कूल परिसर को सैनिटाइज किया जा रहा है। मास्क पहनकर आने पर ही छात्रों को स्कूल में आने की अनुमति प्रदान की जाएगी। किसी भी कमरे में 12 से अधिक छात्र को बैठने की अनुमति नहीं प्रदान की जा सकती है।
अभी नहीं चलेंगी नियमित कक्षाएं : सरकार के निर्देश के मुताबिक स्कूलों में अभी क्लास नहीं चलेगी। अधिकतम 30 फीसद बच्चे ही एक दिन में स्कूल जाकर शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
फोन कर अभिभावकों की राय जान रहे स्कूल :
शास्त्रीनगर हाईस्कूल के प्राचार्य श्रीकांत शर्मा का कहना है कि अभिभावकों से फोन कर पूछा जा रहा है कि वे बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं या नहीं। कई बच्चे तो नौवीं के पंजीयन एवं दसवीं के फॉर्म भरने के लिए स्कूल आ रहे हैं। अगर ये बच्चे अभिभावकों की सहमति पत्र लेकर स्कूल आएंगे तो शिक्षक उनकी शंका का समाधान करेंगे।