रहस्यमय बीमारी से 70 स्कूली बच्चों के शरीर पर निकले काले धब्बे, डॉक्टरों ने कही ये बात
बिहार के एक स्कूल में अचानक बच्चों के शरीर पर काले-काले दाग निकल आए। इससे पूरे इलाके में हड़कम्प मच गया। बच्चे अब खतरे से बाहर हैं। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।
पटना/ अरवल [जेएनएन]। स्कूल में बच्चों के शरीर पर अचानक काले-धब्बे निकल आए। एक-दो बच्चों में ऐसा होने पर लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन कुछ ही देर में करीब 70 बच्चों के शरीर ij जगह-जगह काले दाग हो जाने से हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। घटना बिहार के अरवल स्थित करपी के एक स्कूल की है। राहत की बात यह है कि बीमार बच्चे अब खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं। यह रहस्यमय बीमारी क्या है, इसपर डॉक्टर कुछ भी बताने में असमर्थ दिखे। हालांकि, सिविल सर्जन ने इसके एलर्जी होने की संभावना जताई। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में अभी एलर्जी का स्थायी उपचार नहीं है।
स्कूल आने के वक्त स्वस्थ थे बच्चे
मिली जानकारी के अनुसार अरवल के करपी प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय (स्कूल), आनंदपुर में मंगलवार को अचानक कई बच्चों के हाथ-पैर में काले धब्बे निकल आए, जिससे दशहत का माहौल कायम हो गया। देखते-देखते 69 बच्चों में ऐसा हो गया, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। सभी बच्चे विद्यालय आने पर ठीक थे, लेकिन अचानक उन्होंने काले धब्बे निकालने की शिकायत की।
घटना से मच गया हड़कंप, उमड़ी भीड़
एक साथ कई बच्चों के बीमार पडऩे की जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया। इलाके के लोगों की भीड़ वहां उमड़ पड़ी। प्रधानाध्यापक देवबली राम ने तुरंत बीडीओ प्रभाकर कुमार को इसकी जानकारी दी। सूचना पर बीडीओ चिकित्सकों की टीम और एंबुलेंस के साथ विद्यालय पहुंचे। सभी पीडि़त बच्चों को एंबुलेंस से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पहुंचाया गया। पहले 22 बच्चों ने शिकायत की जो बाद में 69 हो गई।
अब खतरे से बाहर हैं सभी बच्चे
डीएम रविशंकर चौधरी ने भी अस्पताल पहुंचकर बच्चों के इलाज की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी बच्चे ठीक हैं। सिविल सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने एलर्जी के कारण बच्चों के हाथ-पैर में काले धब्बे होने की संभावना व्यक्त की है। हालांकि, निश्चित तौर पर इलाज करने वाले डॉक्टर ही पूरी जांच के बाद कह सकते हैं।
क्या हैं एलर्जी के लक्षण और कैसे करें बचाव
एलर्जी किसी को कभी भी हो सकती है। इससे शरीर पर लाल रंग के चकत्ते, काले धब्बे, फुंसियां और दाग हो सकते हैं। खानपान में अनियमितता से लेकर प्रदूषण और जीवनशैली तक में इसके कारण छिपे हो सकते हैं। हवा-पानी से भी एलर्जी हो सकती है। बिहार के स्कूल में 70 बच्चों के बीमार पड़ने का मामला भी एलर्जी हो सकता है।
ये हैं एलर्जी के कुछ सामान्य लक्षण
- त्वचा पर खुजली और लाल चकत्ते पड़ना।
- त्वचा पर काले धब्बे बनना।
- आंखों में खुजली, लाली, सूजन, जलन या पानी आना।
- खांसी या गले में खुजली।
- सांस की नाली बंद होना।
- नाक में खुजली, नाक बंद होना या बहना।
- छीकना और कभी-कभी दमे का दौरा।
- घरघराहट, सीने में जकड़न, सांस लेने में परेशानी।
- मुंह के आसपास सूजन, निगलने कठिनाई।
- ब्लड प्रेशर कम होना।
- गंभीर एलर्जी में बेहोशी भी संभव।
जानिए एलर्जी से बचाव के कुछ उपाय
- घर या आप जहां भी रहें, वहां खुली हवा आए।||
- अपने आसपास सफाई पर ध्यान दें।
- लकड़ी का फर्नीचर में दीमक न लगे, इसका ध्यान रखें।
- एक दो महीने में एक बार पलंग के गद्दे हटाकर सफाई करें।
- अगर एसी का प्रयोग करते हैं तो उसके फिल्टर की सफाई करते रहें।
- कुछ लोगों को पालतू जानवरों से एलर्जी होती है; इसलिए वे उनसे दूर रहें।
- विटामिन बी व सी से युक्त भोजन लें।
- जिन लोगों को दूध से एलर्जी है वे सोया मिल्क ले सकते हैं।
- एलर्जी होने पर त्वचा को केवल पानी से धोएं। साबुन या फेसवॉश का प्रयोग न करें।
एलर्जी का स्थायी उपचार नहीं|
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में अभी एलर्जी का स्थायी उपचार नहीं है। जिन चीजों से आपको एलर्जी है उनसे बचाव कर सामान्य जीवन संभव हैं। गोपालगंज के डॉ. संदीप कुमार बताते हैं कि एलर्जी उत्पन्न करने वाले तत्वों की पहचान के लिए यह त्वचा व रक्त परीक्षण किए जाते हैं। इसके बाद डॉक्टर एलर्जी रोधक दवाओं का प्रयोग करते है। ये दवाएं तत्काल प्रभाव में एलर्जी को रोक देती हैं, पर स्थायी निदान नहीं हो पाता है। कुछ प्रकार की एलर्जी में इम्युनोथेरेपी से इलाज होता है, इसमें अधिक समय लगता है तथा हर किसी को इससे फायदा भी नहीं होता।
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