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बिहार में पंचायतों को चार साल पहले आवंटित फंड का भी नहीं मिल रहा हिसाब, अब कार्रवाई के मूड में सरकार

उपयोगिता प्रमाण पत्र देने के लिए समय निर्धारित किया गया है साथ ही चूक होने पर वेतन रोकने और कार्रवाई तक की चेतावनी दी गई है। पंचायत राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को पत्र भेजा है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 07:21 AM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 07:21 AM (IST)
बिहार में पंचायतों को चार साल पहले आवंटित फंड का भी नहीं मिल रहा हिसाब, अब कार्रवाई के मूड में सरकार
बिहार में पंचायतों को आवंटित धन का नहीं मिल रहा हिसाब। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में पंचायती राज संस्थाएं अपने खर्च का हिसाब किताब सरकार को नहीं दे रही हैं।  विगत वर्षों में पंचायतों को केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर जो भी अनुदान, योजना-गैर योजना मद में पैसा दिया गया, उसका उपयोगिता प्रमाणपत्र सरकार को नहीं मिला है। अब मुख्यसचिव के स्तर पर हुई बैठक के बाद पंचायत राज विभाग खर्च के हिसाब को लेकर सख्त हो गया है। उपयोगिता प्रमाण पत्र देने के लिए समय निर्धारित किया गया है साथ ही चूक होने पर वेतन रोकने और कार्रवाई तक की चेतावनी दी गई है। पंचायत राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को पत्र भेजा है।

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विभाग की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वर्ष वार प्राप्त राशि और उसमें किए गए खर्च का उपयोगिता प्रमाण पत्र देना होता है, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। राज्य की अधिकांश पंचायतों में 2018-19 तक का अंकेक्षण पूरा हो चुका है। परंतु उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हुआ। इसलिए 2018-19 तक का उपयोगिता प्रमाण पत्र हर हाल में पांच अगस्त तक, 2019-20 का उपयोगिता प्रमाण पत्र 31 अगस्त तक समर्पित करें। जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि यदि 2019-20 का अंकेक्षण नहीं हुआ है तो 30 सितंबर तक यह कार्य कर 31 अक्टूबर तक उपयोगिता प्रमाण पत्र सौंपे। इसी प्रकार 2020-21 का अंकेक्षण दिसंबर तक कराते हुए 31 जनवरी तक उपयोगिता प्रमाणपत्र मांगा गया है।

अपर मुख्य सचिव ने आदेश दिए कि आगामी पंचायत चुनाव की वजह से इस काम में बाधा नहीं आनी चाहिए। ना ही इस कार्य में लगे कर्मियों को चुनाव प्रबंधन में लगाया जाए। यदि इस कार्य में मामूली चूक भी होती है तो जिला पंचायत राज पदाधिकरी उत्तरदायी माने जाएंगे और उनके खिलाफ अनुशानिक कार्रवाई की जाएगी। जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को यह भी चेतावनी दी गई कि निर्देश के पालन में यदि अधीनस्थ कर्मी चूक करते हैं तो उनके वेतन रोक दिया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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