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बिहार के सभी जिलों में शुरू हो गई धान की खरीद, सहरसा और मधेपुरा के किसान अभी सबसे आगे

Bihar Paddy Procurement News बिहार के सभी जिलों में सोमवार से धान खरीद की प्रक्रिया शुरू हो गयी। अब तक 716 पैक्सों और व्यापार मंडलों में 1975 किसानों से 14008 मीट्रिक टन से ज्यादा धान खरीद हुई है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 09:21 AM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 09:21 AM (IST)
बिहार में सरकारी स्‍तर पर धान की खरीद शुरू। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Paddy Procurement Process: बिहार के सभी जिलों में सोमवार से धान खरीद की प्रक्रिया शुरू हो गयी। अब तक 716 पैक्सों और व्यापार मंडलों में 1975 किसानों से 14,008 मीट्रिक टन से ज्यादा धान खरीद हुई है। हालांकि नालंदा, जहानाबाद और बांका जिले से धान खरीद संबंधी रिपोर्ट तकनीकी कारणों से पोर्टल पर अपलोड नहीं हुई है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने यह जानकारी दी। सरकार ने कहा है कि इस बार किसानों को अपना धान बेचने में किसी किस्‍म की दिक्‍कत नहीं होगी।

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क्रय केंद्रों पर धान खरीद की अद्यतन रिपोर्ट की समीक्षा के बाद खाद्य सचिव विनय कुमार ने बताया कि धान खरीद में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने किसानों और पैक्सों के बीच बेहतर समन्वय बनाने की व्यवस्था करने का निर्देश जिलाधिकारियों को दिया है। यदि पैक्सों द्वारा किसानों को किसी प्रकार का भयादोहन की शिकायत मिलेगी तो जांच में दोषी पैक्सों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जाएगी।

सभी जिलाधिकारियों को क्रय केंद्रों पर निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य 1940 रुपये प्रति क्विंटल की दर किसानों को धान बेचने के एवज में भुगतान करना अनिवार्य है। आठ हजार पैक्सों में धान खरीद की व्यवस्था की गई है। इस वर्ष 45 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य है। इसके लिए अब तक 6.20 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है।

  • बिहार के सभी जिलों में धान खरीद की प्रक्रिया शुरू
  • 1975 किसानों से 14 हजार मीट्रिक टन धान की हुई खरीद
  • जिलाधिकारियों को क्रय केंद्रों पर निगरानी बढ़ाने का निर्देश

धान की सर्वाधिक खरीद (मीट्रिक टन में) : सहरसा में 1618, पूर्णिया में 1539, मधेपुरा में 1637, दरभंगा में 549, कटिहार में 614, पूर्वी चंपारण में 995, किशनगंज में 529, सुपौल में 745, सीतामढ़ी में 840, पश्चिम चंपारण में 651 मीट्रिक टन।


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