एक अक्टूबर से सिर्फ ऑनलाइन वाहन प्रदूषण जांच केंद्र करेंगे कार्य
बिहार में एक अक्टूबर से ऑफलाइन वाहन प्रदूषण जांच केंद्र काम नहीं करेंगे।
पटना । बिहार में एक अक्टूबर से ऑफलाइन वाहन प्रदूषण जांच केंद्र काम नहीं करेंगे। 30 सितंबर तक ऑनलाइन में तब्दील नहीं कराने वाले सभी जांच केंद्र स्थायी रूप से बंद कर दिए जाएंगे। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि ऑनलाइन में तब्दील कराने का अंतिम मौका दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रखंड में कम से कम एक प्रदूषण जाच केंद्र खोला जाएगा। अधिक से अधिक जाच केंद्र हों इसके लिए उन्होंने सभी डीटीओ और एमवीआइ को निर्देश दिया है।
परिवहन सचिव के अनुसार वाहन प्रदूषण जाच केंद्र ऑनलाइन होने से फर्जी सर्टिफिकेट जारी होने पर लगाम लगेगी। आए दिन फर्जी प्रदूषण सर्टिफिकेट जारी होने की शिकायत मिलती रही है। सभी प्रदूषण जाच केंद्रों को ऑनलाइन करने से राजस्व चोरी पर रोक लगेगी। वाहनों का प्रदूषण रिकॉर्ड ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा। जनवरी से अगस्त 2019 तक प्रदूषण जांच केंद्रों से 42.49 लाख रुपये राजस्व प्राप्त हुआ है। आने वाले दिनों में इस मद में राजस्व की वृद्धि होगी।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार प्रदूषण जांच केंद्रों को वाहन डेटाबेस से लिंक करना है। इसके साथ ही इसकी सूचना एम-परिवहन और ई-चालान प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करानी है, ताकि वाहन चालकों को किसी तरह की परेशानी से गुजरना नहीं पड़े। प्रदूषण जांच केंद्र को वाहन सॉफ्टवेयर से लिंक किये जाने पर प्रदूषण सर्टिफिकेट जारी होते ही इसके रिकॉर्ड की ऑनलाइन इंट्री जो जाएगी। इसे आवश्यकतानुसार ई-चालान पर और एम-परिवहन पर भी देखा जा सकता है।
परिवहन सचिव ने बताया कि राज्य में कुल 376 वैध प्रदूषण जाच केंद्र हैं। इनमें 315 केंद्रों को ऑनलाइन किया गया है। शेष 61 प्रदूषण जाच केंद्र अभी ऑफलाइन हैं। इसमें सबसे अधिक पटना में 23 जाच केंद्र ऑफलाइन हैं। वहीं बेगूसराय और मुजफ्फरपुर में पांच-पांच, दरभंगा में चार, गया, रोहतास, खगड़िया, जमुई, बेतिया, औरंगाबाद और समस्तीपुर में 2-2, मधेपुरा, शेखपुरा, बाका, नवादा, सुपौल, अरवल, सीतामढ़ी, मुंगेर, लखीसराय और भागलपुर में एक-एक प्रदूषण जाच केंद्र ऑफलाइन है।