बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना का बुरा हाल, कमीशनखोरी के चक्कर में 60 फीसद घर अधूरे
Pradhanmantri Awas Yojana in Bihar बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना में 40 फीसद ही बने घर बड़ा खुलासा-लाभुकों से पैसे ऐंठने के चक्कर में मुखिया के स्तर पर हो रही मनमानी प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्यान्वयन की निगरानी बढ़ाने का आदेश
पटना, दीनानाथ साहनी। Pradhanmantri Awas Yojana in Bihar: बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना अधर में लटकी है। हर बेघर परिवार को छत मुहैया कराने की जतन में जुटी सरकार के के अफसरों और जनप्रतिनिधियों की बडे स्तर पर लापरवाही सामने आई है। योजना के क्रियान्वयन का हाल कुछ इस तरह है कि पिछले चार साल में बमुश्किल से 40 फीसद बेघरों को ही घर मिला है। योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 के बीच 27,22,019 घरों का निर्माण होना था, लेकिन 12,44,462 घर ही बने। सूचना का अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी से इसका खुलासा हुआ।
लक्ष्य को पूरा करने में बड़ा अड़ंगा मुखिया
ग्रामीण विकास विभाग से मिली सूचना के मुताबिक भले ही सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य तय कर रखा है, लेकिन लक्ष्य को पूरा करने में एक बड़ा अड़ंगा मुखिया की कार्यशैली है, निगरानी की कमी भी। लाभुकों के चयन और फिर घर निर्माण में राशि भुगतान कराने में 10659 जनशिकायतें मिली हैं जो मुखिया से जुड़ी है। इस पर महकमा अब एक्शन में है और प्रखंडों में मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में इस मसले पर सुनवाई तेज करने तथा दोषियों पर सख्ती से कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही चयनित लाभुकों के घरों का निर्माण कार्य पूरा कराने का टारगेट भी दिया गया है। अफसरों की जवाबदेही तय की गई है। जिन प्रखंडों में समय रहते योजना का टारगेट पूरा नहीं होगा, वहां के अधिकारी नपेंगे।
बिहार के जिलों की ये है स्थिति
अररिया में 161819 लाभुक का चयन हुआ, लेकिन इसके विरुद्ध 74148 लाभुकों को ही घर नसीब हुआ। इसी तरह अरवल में 8846 लाभुक में 5491, औरंगाबाद में 30042 लाभुक में 24824, बांका में 106617 में लाभुक में 41603, बेगूसराय में 114670 लाभुक में 51846, भागलपुर में 79677 लाभुक में 30059, भोजपुर में 55093 लाभुक में 42120, बक्सर में 12367 लाभुक में 10473, दरभंगा में 221140 लाभुक में 78902, गया में 63856 लाभुक में 36835, गोपालगंज में 14268 लाभुक में 9428, जमुई में 45573 लाभुक में 20819, जहानाबाद में 14568 लाभुक में 9428, कैमूर में 17259 लाभुक में 16239, कटिहार में 75326 लाभुक में 36644, खगडिय़ा में 70043 लाभुक में 27262, किशनगंज में 15243 लाभुक में 13610 ही घर बना पाए हैं।
जानें बिहार के अन्य जिलों का हाल
बिहार के लखीसराय में 14661 लाभुक में 8394, मधेपुरा में 72390 लाभुक में 23910, मधुबनी में 159581 लाभुक में 55718, मुंगेर में 23931 लाभुक में 12557, मुजफ्फरपुर में 107391 लाभुक में 41513, नालंदा में 28021 लाभुक में 25391, नवादा में 21224 लाभुक में 17292, पश्चिम चंपारण में 120569 लाभुक में 54199, पटना में 107782 लाभुक में 46790, पूर्वी चंपारण में 157841 लाभुक में 74892, पूर्णिया में 66961 लाभुक में 31289, रोहतास में 21916 लाभुक में 19872, सहरसा में 67477 लाभुक में 44771, समस्तीपुर में 198851 लाभुक में 75701, सारण में 55624 लाभुक में 26615, शेखपुरा में 6750 लाभुक में 5777, शिवहर में 26398 लाभुक में 10200, सीतामढ़ी में 159036 लाभुक में 50271, सिवान में 15792 लाभुक में 12651, सुपौल में 82794 लाभुक में 24527 तथा वैशाली में 103622 लाभुक में 52226 लाभुक को ही घर मिला।