पटना हाईकोर्ट जज केवल 35 मामले की आमने- सामने करेंगे सुनवाई
सप्ताह में सोमवार मंगलवार बुधवार एवं शुक्रवार को क्रिमिनल मैटर और गुरुवार को केवल सिविल मैटर पर सुनवाई होगी l कोई न्यायाधीश यदि 35 मामले से अधिक केस करना चाहते हैं तो वे आमने- सामने नहीं बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ही ऐसा कर सकते हैं l
पटना, राज्य ब्यूरो । सोमवार (18 जनवरी) से फिर भले ही न्यायाधीश और वकील के बीच पहले की तरह आमने-सामने (फेस- टू - फेस) मामले की सुनवाई होगी l पर हाईकोर्ट के एक जज केवल 35 मामले तक कि सुनवाई तक सीमित रहेंगे l सप्ताह में सोमवार, मंगलवार, बुधवार एवं शुक्रवार को क्रिमिनल मैटर और गुरुवार को केवल सिविल मैटर पर सुनवाई होगी l कोई न्यायाधीश यदि 35 मामले से अधिक केस करना चाहते हैं तो वे आमने- सामने नहीं बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ही ऐसा कर सकते हैं l हालांकि पहले भी ऐसी व्यवस्था की गई थी लेकिन यह व्यवहारिक नहीं हो पाई l इस बात की सूचना पटना हाईकोर्ट की दैनिक सूची में दी गई है l
चीफ जस्टिस के आदेश के बिना नहीं कर सकते अधिक मामलों की सुनवाई
उल्लेखनीय है कि 4 जनवरी से 15 जनवरी तक न्यायाधीशों को केवल 25 मामलों की सुनवाई करने की छूट दी गई थी अर्थात कोई जज फिजिकल अधिक मामले की सुनवाई करना चाहें तो मुख्य न्यायाधीश के आदेश के बिना ऐसा नहीं कर सकते हैं l
यह भी उल्लेखनीय है कि पहले जरूरी मामलों की सुनवाई के लिए किसी भी जज को यह अधिकार था कि वे जिसे उपयुक्त समझेंगे उसकी पहले सुनवाई करेंगे लेकिन अब किसी भी प्रकार के जरूरी मामलों की सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश को स्लीप के माध्यम से बताना पड़ेगा l
अग्रिम जमानत मामले को नहीं दी गई प्राथमिकता
जिन वकीलों ने पिछले साल अगस्त एवं सितंबर महीने और उसके पहले अग्रिम जमानत याचिका दायर की है उसके मामले पर अगली सुनवाई के लिए कोई प्राथमिकता नहीं दी गई है l लंबे समय से अग्रिम जमानत दायर करने वाले अभियुक्त तेजी से पकड़े जा रहे हैं क्योंकि उनके मामले को अभी तक निष्पादित नहीं किया गया है l
आमने सामने की सुनवाई में भी नहीं पकड़ी रफ्तार
अनेक वकीलों और अभियुक्तों को इस बात को लेकर तकलीफ है कि फिजिकल सुनवाई मैं भी कोई फायदा नहीं हुआ l इससे तो पहले वर्चुअल सुनवाई में ज्यादा केस का निपटारा होता था l देखना होगा कि जजों को सुनवाई में कितनी मिलती है स्वतंत्रता