1974 के आंदोलन पर बिहार में गरमाई सियासत, राजद ने लालू को बताया हीरो, जदयू ने नीतीश मॉडल का किया गुणगान
राजद कार्यालय में 1974 के आंदोलन की 47 वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में लालू प्रसाद की जमकर ब्रांडिंग की गई तो जदयू ने दावा किया 1974 में नीतीश की सलाह पर जेपी से संपर्क किया गया और छात्र आंदोलन को धार मिली ।
पटना, राज्य ब्यूरो । आज राजद कार्यालय में बिहार छात्र आंदोलन के 47 वीं वर्षगांठ, संकल्प दिवस के आयोजन पर बिहार की सियासत गरमा गई है। कार्यक्रम में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का जमकर महिमा मंडन किया गया। पोस्टरों में साफ लिखा गया कि आज ही के दिन 18 मार्च को जेपी ने छात्र आंदोलन का नेतृत्व लालू यादव को सौंपा गया। राजद ने कई पोस्टरों और बैनरों के जरिए यह जताने की भरपूर कोशिश की कि इस आंदोलन के असली हीरो लालू ही थे। इसपर बीजेपी, जदयू सहित महागठबंधन की सहयोगी कांग्रेस ने भी तंज कसा है। जदयू ने तो 1974 के आंदोलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी अहम भूमिका का दावा किया है।
क्या हुआ था 1974 में
वहीं राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि यह लालू यादव का आंदोलन नहीं था। जेपी ना होते तो लालू यादव, नीतीश कुमार , सुशील मोदी या शिवानंद में इतनी ताकत नहीं थी कि आंदोलन संभाल पाते। बता दें कि 1974 में बिहार के छात्रों ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विरूद्ध आंदोलन छेड़ दिया था। लालू यादव उस वक्त पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष थे। उनके साथ नीतीश कुमार और सुशील मोदी ने भी छात्र आंदोलन में हिस्सा लिया था। आंदोलन की स्थिति जब बिगड़ी तो नेतृत्व जेपी ने किया था। उन्होंने इस आंदोलन को संपूर्ण क्रांति का नाम दिया। बिहार से ही यह आंदोलन पूरे देश में फैला था। बिहार में 18 मार्च को विधान सत्र की शुरुआत होनेवाली थी। राज्यपाल का संबोधन होनेवाला था। छात्रों ने विधायकों के विधान सभा पहुंचने से रोकने की योजना बनाई। मगर सत्ताधारी दल को इसकी भनक लग गई। कई विधायक सुबह छह बजे ही विधानसभा पहुंच गए। राज्यपाल को पहुंचाने की कोशिश की गई। इसी क्रम में पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। कई छात्रों की मौत हो गई,कई घायल हुए ।
जदयू का दावा, नीतीश ने दी थी सलाह
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल ने गुरुवार को कहा कि जेपी, लोहिया और कर्पूरी के विरासत नेतृत्व का दावा नहीं कर सकता राजद। थी। उक्त आंदोलन में नीतीश कुमार की सलाह पर ही जेपी को संपर्क किया गया था और छात्र आंदोलन को नयी धार मिल सकी थी।
निखिल ने कहा कि लालू यादव के परिवार ने बीपी मंडल, दरोगा प्रसाद राय और रामलखन सिंह यादव जैसे लोकप्रिय यादव नेताओं के परिवार की उपेक्षा बेइज्जती करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसके विपरीत नीतीश कुमार ने जेपी, लोहिया और कर्पूरी के आदर्शों पर चलते हुए आज भी समाज के लिए काम कर रहे हैैं। नीतीश कुमार की राजनीति का मॉडल सबसे अलग है। इसकी वजह यह है कि उनकी राजनीतिक शूचिता अनुकरणीय है।