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ठंड में बुजुर्गों पर दें खास ध्‍यान; शरीर ही नहीं, दिमाग पर भी असर डालता है ऐसा मौसम

ठंड बढ़ रही है और उसके साथ बढ़ रही हैं बुजुर्गों में सेहत जनित अनगिनत समस्याएं। इनसे बच कर सुरक्षित और स्वस्थ्य रहने के लिए बुजुर्गों को न सिर्फ अपनी दिनचर्या पर बल्कि आहार पर भी विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 19 Dec 2021 10:53 AM (IST)Updated: Sun, 19 Dec 2021 10:53 AM (IST)
ठंड में बुजुर्गों पर दें खास ध्‍यान; शरीर ही नहीं, दिमाग पर भी असर डालता है ऐसा मौसम
ठंड के मौसम में बुजुर्गों पर दें खास ध्‍यान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोपालगंज, जागरण संवाददाता। ठंड बढ़ रही है और उसके साथ बढ़ रही हैं बुजुर्गों में सेहत जनित अनगिनत समस्याएं। बढ़ती सर्दी अपने साथ खांसी बुखार, जुकाम, रुखी त्वचा, एलर्जी जैसी सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ इनके लिए सांस की परेशानी या अस्थमा का अटैक, ब्लड प्रेशर और हृदयाघात जैसी गंभीर समस्याएं भी लाती हैं। इनसे बच कर सुरक्षित और स्वस्थ्य रहने के लिए बुजुर्गों को न सिर्फ अपनी दिनचर्या पर बल्कि आहार पर भी विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है।

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 सिविल सर्जन डा. केके मिश्र ने बताया कि ठंड बढऩे के कारण बुजुर्गों में रक्तचाप का बढऩा सामान्य है। रक्तचाप बढऩे से ह्रदयाघात व स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। उम्र ज्यादा हो जाने के कारण बीमारी से लडऩे की शारीरिक क्षमता कम हो जाती है और ठंड का सीधा असर बुजुर्गों के शरीर पर पड़ता है। इसलिए उन्हें खानपान का भी ध्यान रखना है। सर्दी के मौसम में बहुत अधिक तेल मसाले वाले खाने की जगह हल्का व पौष्टिक खाना लेना चाहिए।

हरी सब्जी, दाल व रोटी का अधिक इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आहार में विटामिन सी वाले फल, अखरोट, तुलसी और हल्दी दूध भी शामिल करें। सब्जियों में एंटीआक्सीडेंट रक्त परिसंचरण में मददगार होते हैं। समय समय पर चिकन व अंडा को भी खाना में शामिल करें। ठंड में बुजुर्गों को जोड़ों का दर्द बहुत परेशान करता है। उन्हें ग्रीन टी या अदरक की चाय दें। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हड्डियों को क्रियाशील बनाये रखता है।

आवश्यक दवाओं का स्टाक घर में हमेशा रहे उपलब्ध

सिविल सर्जन ने बताया कि जिन घरों में बुजुर्ग हैं, उन्हें उनके लिए आवश्यक सभी दवाओं का स्टाक हमेशा घर पर उपलब्ध रखना चाहिए। ताकि आपातकालीन परिस्थितियों या अचानक रक्तचाप बढ़ जाने या कम जाने की परिस्थितियों को नियंत्रित किया जा सके। यदि बुजुर्ग को सांस लेने में परेशानी या अस्थमा है तो संबंधित इन्हेलर भी हमेशा उपलब्ध रहे। घर में भी गर्म कपड़े का इस्तेमाल करें। बहुत अधिक सवेरे घर से बाहर निकलने से परहेज करें। घर में सामान्य शारीरिक गतिविधि की मदद से ब्लड सर्कुलेशन व आक्सी•ान के प्रवाह को बढ़ाना जरूरी है। ऐसे में शरीर से पसीना निकलता है, जो शरीर से जहरील पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है। घर में हल्के व्यायाम और योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करें।

मानसिक स्वास्थ्य पर भी रखें नजर

ठंड से शुरू हुई शारीरिक समस्या धीरे-धीरे मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। नतीजा तनाव बढऩे या चिड़चिड़ाहट के रूप में सामने आता है। इसलिए बुजुर्गों में हो रहे मानसिक बदलाव पर कड़ी नजर रखें। जरूरत पडऩे पर उनके साथ समय बिताएं और उन्हें उनके मन पसंद कामों या शौक को पूरा करने के लिए प्रेरित करें ताकि उनका समय आसानी से बीते और वो तनाव में आने से बचें ।


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