अफगानिस्तान में उथल-पुथल के बावजूद मेवा बाजार स्थिर, ये रहीं पटना में Dry Fruits की कीमतें
अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता पर काबिज हो चुका है। इससे पूरी दुनियां मे उथल-पुथल मची है। बावजूद अफगानिस्तान से आने वाले मेवे की कीमतों पर असर नहीं पड़ा है। अफगानिस्तान से आने वाले मेवों को दूसरी जगह से मंगाने का खुला है विकल्प
पटना, जागरण संवाददाता। अफगानिस्तान (Afghanishtan) में इस समय राजनीतिक उथल-पुथल के साथ ही सत्ता परिवर्तन हुआ है। जाहिर है वहां सबकुछ सामान्य नहीं है। कारोबार भी बेपटरी है। अफगानिस्तान से पटना में मेवों (Dry Fruits) की आमद होती है। पटना से ये बिहार के अन्य जिलों में जाते हैं। पटना की थोक किराना मंडी मारूफगंज के थोक विक्रेताओं का मानना है कि अफगानिस्तान में उथल-पुथल के बावजूद मेवा बाजार स्थिर बना हुआ है और आगे भी रह सकता है। वजह यह है कि जो मेवे अफगानिस्तान से आते हैं, उन्हें दूसरी जगह से मंगाने का विकल्प खुला हुआ है।
अफगानिस्तान से आने वाले मेवे और उनकी स्थिति :
किशमिश : अफगानिस्तान से किशमिश की आमद होती है। हालांकि कुल बिक्री में इसकी हिस्सेदारी पांच फीसद ही होती है। नासिक से आनेवाले किशमिश की भारी मांग रहती है। भारतीय किशमिश की कीमत 200 से 300 रुपये जबकि अफगानी किशमिश की कीमत 350 से 450 रुपये किलो पर स्थिर है।
पिस्ता : पटना में कुल बिक्री का लगभग 60 फीसद पिस्ता अफगानिस्तान से ही आता है। अगर आमद प्रभावित हुई तो इसका विकल्प इरान है। इसलिए पिस्ता के भाव में भी वृद्धि की गुंजाइश कम है। पिस्ता का भाव 1200 से 1600 रुपये प्रति किलो चल रहा है।
बादाम : पटना की मारूफगंज मंडी में अफगानिस्तान से बादाम की आमद होती है हालांकि अमेरिकी बादाम की अधिक मांग है। अफगानिस्तान से आमद प्रभावित होने पर कैलफोर्निया से मंगाने का विकल्प खुला है। बादाम की कीमत 950 से 2500 रुपये प्रति किलो पर स्थिर है।
आलू बुखारा : अफगानिस्तान के आलू बुखारा की कीमत 1000 से 1200 रुपये पर स्थिर है। आमद प्रभावित होने पर कश्मीर का विकल्प खुला है। इसी तरह से अफगानी अंजीर के विकल्प के तौर पर कश्मीरी अंजीर मंगाकर बाजार को सामान्य रखा जा सकता है। अंजीर का भाव 600 से 800 रुपये प्रति किलो पर स्थिर है।
मारूफगंज मंडी के बसंतलाल गोलवारा और मंटू कुमार का कहना है कि मेवा बाजार स्थिर है। दिल्ली के मेवा बाजार में स्टाक भरा पड़ा है। एक माह तक बाजार पर कोई असर नहीं होगा। तब तक अफगानिस्तान में भी स्थिरता आ जाएगी।