बिहार में गर्मी का कहर: लू से तीन दिनों में 203 की मौत, गया में धारा 144 लागू
बिहार में सोमवार तक गर्मी का प्रकोप जारी था। इस दौरान लू लगने से मौत का सिलासिला भी जारी रहा। गया में तो मौसम की तल्खी देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई।
By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 17 Jun 2019 02:42 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 11:39 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। सोमवार की रात पटना सहित बिहार के कुछ इलाकों में राहत की बारिश जरूर हुई, लेकिन राज्य के कई भूभाग अभी भी लू और भीषण गर्मी से झुलस रहे हैं। बिहार में लू के चलते पिछले तीन दिनों में 203 लोगों की मौत हो गई है। गर्मी की अन्य वजहों को जाड़ दें तो लगभग दो सौ लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसे देखते हुए गया प्रशासन ने एहतियातन कड़ा कदम उठाया है। भीषण गर्मी को देखते हुए जिला प्रशासन ने गया में धारा 144 लागू कर दिया है।
गया के डीएम अभिषेक सिंह के द्वारा जारी आदेश के अनुसार भीषण गर्मी, लू को देखते हुए लोगों को सुबह 11 से शाम 4 बजे तक घर में ही रहना होगा, मौसम सामान्य होने तक धारा 144 लागू रहेगा। वहीं निर्माण कार्य पर भी 11 से 4 बजे तक रोक लगा दी गई है। मनरेगा योजनाएं भी 10:30 बजे के बाद नहीं चलेंगी। इस दौरान खुले स्थानों पर कार्यक्रम की भी निषेधाज्ञा लागू रहेगी।
बिहार में 203 मौतें, सिलसिला अब भी जारी
बिहार में लू लगने से शनिवार से अब तक 203 लोगों की मौत हो चुकी है। मगध व शाहाबाद क्षेत्र में लू ने सोमवार को भी 40 लोगों की जान ले ली। वहीं मुंगेर में पांच तथा नालंदा, हाजीपुर, छपरा, बेगूसराय, बक्सर व अरवल में 16 लोग लू के शिकार हुए हैं। लू से मौत का यह सिलसिला थम नहीं रहा।
सोमवार को गया में आठ और औरंगाबाद में पांच लोगों की लू से मौत हो गई। औरंगाबाद में शनिवार से रविवार तक 69 लोगों की मौत हो चुकी थी। यहां मरीजों के आने का सिलसिला जारी है। यहां करीब सौ मरीज अभी भी भर्ती हैं। वहीं, मगध मेडिकल कॉलेज, गया में 106 मरीज भर्ती थे। गया में पांच लोगों की मौत की पुष्टि मगध मेडिकल कॉलेज ने की है, जबकि तीन अन्य की स्वास्थ्य केंद्रों में मौत हुई है।
वहीं नवादा के सदर अस्पताल प्रशासन ने तीन की मौत की आधिकारिक पुष्टि की है, जबकि विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार यह संख्या दस है। औरंगाबाद के सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र प्रसाद ने अपने यहां पांच की मौत की पुष्टि की है। सासाराम में भी स्थानीय स्रोत 17 लोगों की मौत बता रहे, इसका रिकॉर्ड भी है। लेकिन सिविल सर्जन डॉ. जनार्दन शर्मा ने पांच के ही मरने की आधिकारिक पुष्टि की है। दरअसल, पूरे क्षेत्र में अफरातफरी मची हुई है। मौत के जो आधिकारिक रिकॉर्ड हैं, उससे कहीं ज्यादा खतरनाक स्थिति है। सुदूर ग्रामीण इलाकों में कई मौतें हुई हैं, जिसका अस्पताल में रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन स्थानीय मुखिया आदि उसकी पुष्टि कर रहे। सोमवार को सासाराम में ही पुलिस ने एक अज्ञात शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जिसमें मौत का कारण लू लगना दर्शाया है। एक दिन पहले गया के मानपुर में भी ऐसे ही एक व्यक्ति हो गई।
वहीं सोमवार को लू से नालंदा, हाजीपुर, छपरा, बेगूसराय, बक्सर व अरवल में 15 लोगों की मौत हो गई। इनमें बिहारशरीफ में सात, अरवल व हाजीपुर के दो-दो तथा बक्सर, छपरा, बेगूसराय व सोनपुर का एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सोमवार को औरंगाबाद सदर अस्पताल और मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल, गया का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की मरीजों के इलाज के पुख्ता प्रबंध के निर्देश दिए। दोनों जगहों पर आठ-आठ अतिरिक्त डॉक्टरों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है।
गया के डीएम अभिषेक सिंह के द्वारा जारी आदेश के अनुसार भीषण गर्मी, लू को देखते हुए लोगों को सुबह 11 से शाम 4 बजे तक घर में ही रहना होगा, मौसम सामान्य होने तक धारा 144 लागू रहेगा। वहीं निर्माण कार्य पर भी 11 से 4 बजे तक रोक लगा दी गई है। मनरेगा योजनाएं भी 10:30 बजे के बाद नहीं चलेंगी। इस दौरान खुले स्थानों पर कार्यक्रम की भी निषेधाज्ञा लागू रहेगी।
बिहार में 203 मौतें, सिलसिला अब भी जारी
बिहार में लू लगने से शनिवार से अब तक 203 लोगों की मौत हो चुकी है। मगध व शाहाबाद क्षेत्र में लू ने सोमवार को भी 40 लोगों की जान ले ली। वहीं मुंगेर में पांच तथा नालंदा, हाजीपुर, छपरा, बेगूसराय, बक्सर व अरवल में 16 लोग लू के शिकार हुए हैं। लू से मौत का यह सिलसिला थम नहीं रहा।
सोमवार को गया में आठ और औरंगाबाद में पांच लोगों की लू से मौत हो गई। औरंगाबाद में शनिवार से रविवार तक 69 लोगों की मौत हो चुकी थी। यहां मरीजों के आने का सिलसिला जारी है। यहां करीब सौ मरीज अभी भी भर्ती हैं। वहीं, मगध मेडिकल कॉलेज, गया में 106 मरीज भर्ती थे। गया में पांच लोगों की मौत की पुष्टि मगध मेडिकल कॉलेज ने की है, जबकि तीन अन्य की स्वास्थ्य केंद्रों में मौत हुई है।
वहीं नवादा के सदर अस्पताल प्रशासन ने तीन की मौत की आधिकारिक पुष्टि की है, जबकि विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार यह संख्या दस है। औरंगाबाद के सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र प्रसाद ने अपने यहां पांच की मौत की पुष्टि की है। सासाराम में भी स्थानीय स्रोत 17 लोगों की मौत बता रहे, इसका रिकॉर्ड भी है। लेकिन सिविल सर्जन डॉ. जनार्दन शर्मा ने पांच के ही मरने की आधिकारिक पुष्टि की है। दरअसल, पूरे क्षेत्र में अफरातफरी मची हुई है। मौत के जो आधिकारिक रिकॉर्ड हैं, उससे कहीं ज्यादा खतरनाक स्थिति है। सुदूर ग्रामीण इलाकों में कई मौतें हुई हैं, जिसका अस्पताल में रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन स्थानीय मुखिया आदि उसकी पुष्टि कर रहे। सोमवार को सासाराम में ही पुलिस ने एक अज्ञात शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जिसमें मौत का कारण लू लगना दर्शाया है। एक दिन पहले गया के मानपुर में भी ऐसे ही एक व्यक्ति हो गई।
वहीं सोमवार को लू से नालंदा, हाजीपुर, छपरा, बेगूसराय, बक्सर व अरवल में 15 लोगों की मौत हो गई। इनमें बिहारशरीफ में सात, अरवल व हाजीपुर के दो-दो तथा बक्सर, छपरा, बेगूसराय व सोनपुर का एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सोमवार को औरंगाबाद सदर अस्पताल और मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल, गया का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की मरीजों के इलाज के पुख्ता प्रबंध के निर्देश दिए। दोनों जगहों पर आठ-आठ अतिरिक्त डॉक्टरों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है।
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